Journalist Yana Mir from Jammu and Kashmir: याना मीर Jammu and Kashmir की रहने वाली सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार हैं। ऐसी साहसी पत्रकार पर भारत को गर्व है। उन्होंने Delhi University और मुंबई से पढ़ाई की है। वह खुद को कश्मीर की पहली महिला व्लॉगर कहती हैं।
उन्होंने कश्मीर के बारे में लोगों की पुरानी धारणाओं को तोड़ने के लिए नए तथ्य सोशल मीडिया के जरिए लोगों के सामने ला रही हैं। याना मीर ‘The Real Kashmir News’ की प्रधान संपादक हैं। लेकिन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहने के कारण उन्हें काफी लोकप्रियता हासिल है।
हाल ही में उनको ब्रिटिश संसद में ‘संकल्प दिवस’ के अवसर पर संबोधन के लिए आमंत्रण मिला था। कल Britain की संसद में दिए अपने भाषण के बाद याना मीर का नाम देश में सबसे चर्चित नाम बन गया है। संसद में संबोधन के दौरान याना मीर पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई को भी टारगेट किया।
मालूम हो कि साल 2014 में मलाला पर आतंकी हमला हुआ था, जिसके बाद से वह लंदन में शरण लेकर रहने लगी। बाद में उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और 17 साल की उम्र में 2014 में उनको नोबेल शांति पुरस्कार मिला था।
याना ने अपने भाषण में मलाला को टारगेट करते हुए कहा, ‘मुझे आप पर आपत्ति है, मलाला यूसुफजई। आप मेरे देश, मेरी प्रगतिशील मातृभूमि को ‘उत्पीड़ित’ कहकर बदनाम कर रही हैं। मुझे सोशल मीडिया और विदेशी मीडिया पर ऐसे सभी ‘टूलकिट सदस्यों’ पर आपत्ति है, जिन्होंने कभी भी भारतीय कश्मीर का दौरा नहीं की, लेकिन वहां से ‘ज़ुल्म’ की कहानियां गढ़ते हैं।’
याना ने आगे कहा, ‘मैं मलाला यूसुफजई नहीं हूं, क्योंकि मैं अपने देश भारत में स्वतंत्र और सुरक्षित हूं। अपनी मातृभूमि कश्मीर में, जो भारत का हिस्सा है, मुझे कभी भी भागकर आपके देश में शरण लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।’
याना ने ब्रिटिश संसद में ‘अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि को धूमिल करने’ के लिए पाकिस्तान द्वारा प्रचार तंत्र की कड़ी निंदा की और कहा कि वह ‘कश्मीर, भारत का हिस्सा है, वहां पर वह पूरी तरह से सुरक्षित और स्वतंत्र है।
Social Media पर कई लोग पाकिस्तान द्वारा कश्मीरियों पर भारत द्वारा अत्यचार की छवी को खंडन करने पर उनकी सराहना कर रहे हैं कि कश्मीरी नागरिक भारतीय सेना के अत्याचार सहते हैं। कई लोगों ने ब्रिटेन की संसद में आत्मविश्वास से अपने विचार व्यक्त करने के लिए मीर पर गर्व व्यक्त किया है।