JPSC कर रहा 2404 असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली की तैयारी, गवर्नर हाउस ने…

JPSC के माध्यम से सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए पिछले दिनों अभियान भी चलाया था इसके बाबजूद कई विभागों में आज भी प्रोफेसर से लेकर सहायक प्रोफेसर की भारी कमी है

News Aroma Media

Ranchi Assistant Professor Appointment : राज्य के विश्विविद्यालयों में शिक्षक और कर्मियों की घोर कमी है। इनमें असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति (Appointment of Assistant Professor) के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

झारखंड लोक सेवा आयोग (Jharkhand Public Service Commission) की ओर से 2404 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति की तैयारी की जा रही है।

हालांकि, राजभवन इसको लेकर आपत्ति जता चुका है। JPSC के माध्यम से सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए पिछले दिनों अभियान भी चलाया था इसके बाबजूद कई विभागों में आज भी प्रोफेसर से लेकर सहायक प्रोफेसर की भारी कमी है।

रांची विश्वविद्यालय में 1,032 स्वीकृत पदों में 688 शिक्षकों के पद खाली हैं। इसी तरह का हाल हजारीबाग विनोबा भावे विश्वविद्यालय का है, जहां स्वीकृत 597 पदों में से 326 खाली हैं।

कोल्हन विश्वविद्यालय में 994 स्वीकृत पद हैं, जिसमें करीब 675 खाली हैं। इसी तरह सभी विश्वविद्यालय में निचले स्तर के कर्मियों की भी भारी कमी है, जिस वजह से शैक्षणिक कार्यों पर असर पड़ रहा है।

इस संबंध में रांची विश्वविद्यालय के नागपुरी भाषा के पीजी विभाग के डॉ उमेश नंद तिवारी कहते हैं कि नागपुरी में चार रिक्तियां थी उसे जल्द ही भरने की प्रक्रिया शुरू की गई है लेकिन जनवरी में चार लोग सेवानिवृत्त भी होंगे। इस तरह से जब तक ये नवनियुक्त सेवा शुरू करेंगे उतनी रिक्तियां फिर से हो जायेंगी। इसी तरह से अन्य विभागों का भी हाल है।

राज्य के प्रमुख विश्वविद्यालय

रांची विश्वविद्यालय (Ranchi University) रांची,कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा, विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग, सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका, नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय पलामू, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी रांची, झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय रांची, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची, नेशनल लॉ युनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ रांची, झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी रांची और बिनोद बिहारी महतो विश्वविद्यालय कोयलांचल।

एक तरफ जहां राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी है, वहीं दूसरी ओर इन खाली पड़े पदों भरने के लिए कभी भी ईमानदारी से प्रयास नहीं किया गया है।

शायद यही वजह है कि राज्य गठन के 23 वर्षों में सिर्फ एक बार झारखंड पात्रता परीक्षा यानी जेट का आयोजन हुआ है। राज्य में 15 अक्टूबर 2006 को पात्रता परीक्षा हुई थी उसके बाद से एक भी पात्रता परीक्षा आयोजित नहीं हो सकी है।

असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में नेट की तरह जेट की भी मान्यता है। हालांकि, सरकार जेट परीक्षा आयोजित करने को लेकर नियमावली बनाने में जुटी है और संभावना व्यक्त की जा रही है कि आने वाले कुछ महीनों में सारी वैधानिक प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

इन सबके बीच राज्य सरकार के द्वारा 2404 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी की जा रही है। राजभवन के दबाव के बाद झारखंड लोक सेवा आयोग के द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति (Appointment of Assistant Professor) की जानी है, जिसके लिए प्रक्रिया शुरू होने वाला है।