रांची: रांची धुर्वा स्थित जेएससीए इंटरनेशनल स्टेडियम में शुक्रवार को भारत और न्यूजीलैंड के बीच टी-20 क्रिकेट मैच खेला जा रहा है।
दूसरी तरफ शुक्रवार को ही यहां इस मैच के शुरू होने से पहले स्टेडियम के पास ही स्थित प्रभात तारा स्कूल मैदान में ‘स्कूल खोलो, तब क्रिकेट खेलो’ का नारा गूंज रहा था।
वहां यह नारा लगाते हुए प्रदर्शन कर रहे लोगों का नेतृत्व कर रहे थे जाने-माने एक्टिविस्ट और अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज।
प्रदर्शन के दौरान ज्यां द्रेज ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से स्कूलों में प्राथमिक कक्षाओं की ऑफलाइन क्लास शुरू करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार ने 40 हजार लोगों को एक साथ स्टेडियम में जाने की इजाजत दे दी, लेकिन प्राथमिक विद्यालय अभी तक बंद हैं। सरकार कोविड-19 को कारण बताकर प्राथमिक विद्यालयों को बंद रखी हुई है।
उन्होंने कहा कि ज्यादातर राज्यों में प्राथमिक विद्यालयों को भी खोल दिया गया है। डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने देशभर में विद्यालय खोलने की सलाह दी है।
कोविड-19 के कारण बच्चों में गंभीर बीमारी का खतरा नहीं है, ऐसा डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने ही कहा है। इसके बावजूद झारखंड के प्राथमिक विद्यालय अभी तक बंद हैं।
ज्यां द्रेज ने कहा कि विद्यालयों को खोलने के लिए झारखंड सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। बच्चों के नामांकन, पाठ्यक्रम में बदलाव, शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण, विद्यालयों की मरम्मत के काम भी ठप पड़े हैं।
इतने लंबे समय के लिए विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने से झारखंड के बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जायेगा। कई बच्चे पहले का पढ़ा हुआ सबकुछ भूल गये हैं।
कई ने तो विद्यालय ही छोड़ दिया है या वे बाल मजदूर बन गये हैं। यह सब कोविड-19 से बचाव के नाम पर किया जा रहा है।
ज्यां द्रेज ने कहा कि झारखंड सरकार ने विशाल स्टेडियम की सभी सीट भरने की इजाजत दे दी और इसके लिए प्रशासन भी जोर-शोर से लगा रहा। यह तो दोहरापन है।
वहीं, ज्यां द्रेज के साथ प्रदर्शन कर रहे लोग जेएससीए स्टेडियम के पास हाथों में तख्तियां लिये विरोध कर रहे थे।
उन लोगों ने कहा कि वे लोग क्रिकेट का विरोध नहीं कर रहे। पढ़ाई के साथ खेल भी जरूरी है, लेकिन पढ़ाई को एकदम ठप कर देना न्याय नहीं है।