रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रविरंजन (Dr. Ravi Ranjan) एवं न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद (Sujit Narayan Prasad) की खंडपीठ ने शुक्रवार को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा संचालन संशोधित नियमावली (Graduate Level Examination Conduct Revised Rules) 2021 को चुनौती देने वाली याचिका (Petition) को स्वीकार करते हुए नियमावली को निरस्त कर दिया है।
कोर्ट ने सात सितंबर को दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।
हाई कोर्ट ने कहा नए सिरे से होंगी नियुक्तियां
हाई कोर्ट ने नियमावली को असंवैधानिक (Unconstitutional) बताते हुए कहा कि इस नियमावली से जितने भी विज्ञापन हुए हैं उसे भी खारिज माना जाएगा।
क्योंकि, मामले की सुनवाई के समय पूर्व में ही कोर्ट ने कह दिया था कि इससे नियुक्तियां (Appointments) और विज्ञापन (Advertisement) प्रभावित होंगे।
हाई कोर्ट के फैसले में कहा गया है कि अब नए सिरे से नियुक्तियों से संबंधित विज्ञापन निकाले जाएंगें, जिसके आधार पर ही नए सिरे से नियुक्तियां होंगी।
भेदभाव वाली नीति है संशोधित नियुक्ति नियमावली
उल्लेखनीय है कि रमेश हांसदा एवं अन्य की ओर से इस संशोधित नियमावली को चुनौती दी गई थी।
प्रार्थी की ओर से झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की संशोधित नियुक्ति नियमावली को रद्द करने का आग्रह हाई कोर्ट से किया गया है।
कहा गया था कि इस नीति से झारखंड के लोग ही अपने राज्य में नौकरी (Job) हासिल नहीं कर सकते हैं। यह भेदभाव (Discriminatory) वाली नीति है।