नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस तलवंत सिंह ने एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व प्रमुख आकार पटेल के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर नोटिस वापस लेने के ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ सीबीआई की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करने से अपने को अलग कर लिया है। इस याचिका पर अगली सुनवाई 13 मई को होगी।
16 अप्रैल को राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने आकार पटेल के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर नोटिस वापस लेने के एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश को सही करार दिया था।
स्पेशल जज संतोष स्नेही मान ने सीबीआई के निदेशक को लिखित रूप से माफी मांगने के एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश को निरस्त कर दिया था।
सेशंस कोर्ट ने आकार पटेल को एक हफ्ते के अंदर मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश होने का आदेश दिया था।
सेशंस कोर्ट ने आकार पटेल को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना देश छोड़ने से मना किया था।
उल्लेखनीय है कि 7 अप्रैल को एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पवन कुमार ने सीबीआई के निदेशक को निर्देश दिया था कि पटेल के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी करने में अधीनस्थ अधिकारियों ने गलती की है, इसलिए सीबीआई निदेशक इसका हवाला देते हुए लिखित रूप से माफी मांगें।
एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने कहा था कि लुकआउट सर्कुलर जारी करने के अधिकार का मनमाना तरीके से उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
इसके पीछे कोई ठोस वजह होनी चाहिए। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने सीबीआई निदेशक से उम्मीद जताई कि वो उन अधीनस्थ अधिकारियों के इसके लिए संवेदनशील बनाएं, जिन्होंने लुकआउट सर्कुलर जारी किया था।
साथ ही उन अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय होनी चाहिए। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने कहा था कि याचिकाकर्ता के वकील ने अपने नुकसान के लिए मुआवजे की मांग की है। इसके लिए वे सक्षम अदालत में जा सकते हैं।
पटेल के खिलाफ सूरत की निचली अदालत में एक बीजेपी विधायक पूर्णेशभाई ईश्वरभाई मोदी ने शिकायत कर रखी है।
19 फरवरी को सूरत की कोर्ट ने आकार पटेल को विदेश जाने की इजाजत देते हुए पासपोर्ट देने का आदेश दिया था।
सीबीआई ने एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के खिलाफ एफसीआरए के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर आकार पटेल के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर नोटिस जारी किया था।