काबुल: आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट-खुरासन का पूर्व प्रमुख असलम फारूकी उत्तरी अफगानिस्तान में हुई गोलीबारी में मारा गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक खैबर-पख्तूनख्वा के ओरकजाई जिले का निवासी फारूकी तालिबान सरकार द्वारा चलाए गए आतंकी सरगना अपहरणकर्ताओं और माफिया के खिलाफ ऑपरेशन के दौरान रविवार को मारा गया।
रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि सर्च आपरेशन के दौरान झड़प हुई, जिसमें फारूकी अपने सहयोगियों के साथ मारा गया।
हालांकि सूत्रों का कहना है कि आईएस-के का पूर्व कमांडर आतंकी संगठन के भीतर चल रहे आंतरिक विवाद के चलते मारा गया।
उल्लेखनीय है कि आतंकवादी संगठन आईएस-के को दाएश के रूप में भी जाना जाता है।
ओरकजाई में इस्लामिक स्टेट-खुरासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकवादी कमांडर का शव मंगलवार तक उसके गृहनगर ले जाया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि फारूकी ने नांगरहार में आईएस-के के पतन के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार के दौरान अफगान बलों के साथ एक समझौता किया गया था।
बाद में असलम फारूकी को आईएस-के के प्रमुख के पद से हटा दिया गया था और आतंकी संगठन की कमान शाहब महाजेर ने संभाल ली थी।
असलम फारूकी अफगानिस्तान में इस महीने मारा जाने वाला दूसरा हाई-प्रोफाइल आतंकवादी कमांडर है।
एक हफ्ते पहले प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के प्रवक्ता और ऑपरेशनल कमांडर मुहम्मद खुरासानी की नंगरहार प्रांत में हत्या कर दी गई थी।
ऑपरेशनल कमांडर मुहम्मद खुरासानी की उम्र 48 से 50 वर्ष के बीच थी। मुहम्मद खुरासानी का असली नाम खालिद बलती था।
वह न केवल टीटीपी का ऑपरेशनल कमांडर था वरन इसका प्रवक्ता भी था। गिलगित-बाल्टिस्तान के रहने वाले खुरासानी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने पैतृक शहर से प्राप्त की थी।
साल 2007 में स्वात में वह तहरीक निफाज शरीयत मुहम्मदी (Tehreek Nifaze Shariat Muhammadi ) में शामिल हुआ था।