Kalpana Soren Entry in Politics: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) में कल्पना मुर्मू सोरेन (Kalpana Murmu Soren) की एंट्री झारखंड की राजनीति में बड़ा बदलाव है।
राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बना है कि वह हेमन्त सोरेन (Hemant Soren) से कम नहीं हैं। Kalpana Soren की राजनीतिक सोच और दृष्टि बहुत कुछ बयां करती है।
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार महागठबंधन के अंदर भी कल्पना सोरेन डिसीजन मेकर के रूप में जानी जा रही हैं। चाहे सीट बंटवारे का फार्मूला तय करना हो या अन्य हरेक राजनीतिक गतिविधियों पर कल्पना सोरेन की निगाहें रहती हैं।
कुछ दिन पहले ही Kalpana Soren की महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, राजद और अन्य दलों के शीर्षस्थ नेताओं के साथ बैठक हुई थी।
इसमें कल्पना सोरेन खुद लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में सीट बंटवारे और अन्य मुद्दों पर वार्ता करती दिखीं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी है कि कल्पना सोरेन कुछ दिन पहले ही दिल्ली जाकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की धर्मपत्नी सुनीता केजरीवाल से मुलाकात कर उन्हें ढांढस देते दिखी थीं।
ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले समय में वे झारखंड के साथ-साथ बाहर दूसरे राज्यों में भी महागठबंधन के साथ मंच साझा करेंगी। शायद यही वजह भी रही होगी कि कल्पना सोरेन महागठबंधन झारखंड में स्टार प्रचारक के रूप में हर जिले का दौरा भी कर रही हैं।
बहरहाल लोकसभा चुनाव 2024 का आगामी परिणाम निर्णयक होगा। राज्यवासियों को यही चुनावी परिणाम बताएगा कि राजनीति में वाकई Kalpana Soren का बड़ा कद है या फिर कल्पना सोरेन सिर्फ राजनीतिक कल्पनाओं में फीट बैठती हैं।
इधर, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव कहते हैं कि जिस पार्टी के सरदार ही जेल के अंदर हैं। वे कल्पना के सहारे ही राजनीतिक वापसी का ख्वाब देखेंगे। अब भ्रष्टाचार की आड़ में जेल के अंदर से मिला मार्गदर्शन कितना कारगर साबित होगा, समझ सकते हैं। वैसे जल, जंगल और जमीन की वकालत करने वाले लोगों पर करोड़ों की जमीन घोटाला करने का बड़ा आरोप लगा है।
दूसरी ओर JMM के महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी में कोई भी नया सदस्य जुड़ता है तो इसका व्यापक लाभ मिलता है।
Kalpana Soren के आने के बाद निश्चित तौर पर महागठबंधन को संगठनात्मक रूप से लाभ मिल रहा है। वैसे भी उनके पति (पूर्व मुख्यमंत्री Hemant Soren) के साथ जो अन्याय हुआ है, राज्यवासियों की उनसे भरपूर सहानुभूति है। किसी भी देश या परिवार के साथ हुए अन्याय पर सहानुभूति मिलती ही है।