पटना: बिहार की सियासत में हर रोज नई खिचड़ी पकती दिख रही है।
फिलहाल चर्चा कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) के नेता और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार की नीतिश सरकार में मंत्री अशोक चौधरी से मुलाकात की है।
कन्हैया और अशोक चौधरी की बॉडी लैंग्वेज से कई तरह की चर्चाएं हैं। कन्हैया कुमार ने मंत्री अशोक चौधरी से उनके आवास पर मुलाकात की।
हालांकि मुलाकात को औपचारिक बताया जा रहा है, लेकिन दूसरी तरफ बिहार के सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है।
मुलाकात उस वक्त हो रही है, जब सीपीआई ने कन्हैया कुमार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया है।
कन्हैया के जेडीयू में शामिल होने की अटकलों पर पार्टी नेता अजय आलोक ने कहा कि कन्हैया कुमार विकृत और कम्युनिष्ट विचारधारा के हैं, अगर वह अपनी विचारधारा को छोड़कर जेडीयू की विचारधारा को अपनाकर पार्टी के सच्चे सिपाही के रूप में काम करना चाहते हैं,तब उनका जेडीयू में स्वागत है।
कन्हैया कुमार के ऊपर आरोप था कि उन्होंने पिछले साल 1 दिसंबर को पटना में पार्टी के कार्यालय सचिव इंदु भूषण के साथ बदसलूकी की थी।
उस वक्त पार्टी के नेताओं ने बताया था कि कन्हैया इस बात को लेकर नाराज थे कि पटना में बेगूसराय जिला काउंसिल की बैठक बुलाई गई थी, जिसके बाद उसे अचानक रद्द कर दिया गया था।
कन्हैया कुमार के ऊपर आरोप था कि इसी वजह से उन्होंने पार्टी कार्यालय सचिव इंदु भूषण के साथ मारपीट की थी।
बता दें कि कन्हैया कुमार बेगूसराय के रहने वाले हैं। पिछले हफ्ते हैदराबाद में सीपीआई की अहम बैठक हुई थी जिसमें उनके द्वारा पटना में की गई मारपीट की घटना को लेकर उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया गया था।
एसएम बैठक में पार्टी के 110 सदस्य मौजूद थे जिनमें 3 लोगों को छोड़कर बाकी सभी लोगों ने कन्हैया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास करने का समर्थन किया था। पार्टी में हुए घटनाक्रम के पृष्ठभूमि में कन्हैया कुमार की अशोक चौधरी के साथ मुलाकात को अहम माना जा रहा है। कन्हैया कुमार ने 2019 में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था।
बिहार में जिस तरह से बीजेपी पांव पसार रही है, उससे नीतीश लगातार कमजोर पड़ते जा रहे हैं, इस देखकर जेडीयू अपने भविष्य की रणनीति पर काम कर रही है।
इन दिनों नीतीश अपना कुनबा मजबूत करने में जुटे हैं।
बसपा विधायक जमा खां और निर्दलीय विधायक सुमित सिंह के बाद नीतीश की नजर दूसरी पार्टी के नेताओं-विधायकों पर है।कई राजनीतिक पंडितों का कहना है कि इस मुलाकात से एक बात तय है कि नीतीश कुमार भविष्य की परिस्थितियों को देखते हुए आगे की रणनीति तैयार कर रहे हैं और उन तमाम बड़े नेताओं और विधायकों से मुलाकात कर रहे हैं, जिनके साथ भविष्य में राजनीतिक गठजोड़ के साथ बिहार की सियासत को चला सकें।
इसमें उपेंद्र कुशवाहा, एलजेपी सांसद चंदन सिंह के बाद कन्हैया कुमार का नाम शामिल हो गया है।