नाबालिक लड़की से शादी करनेवाले युवक के खिलाफ आपराधिक मामला रद्द, हाई कोर्ट ने…

POCSO का मतलब दो किशोरों के बीच सहमति से बने संबंधों को अपराध की तरह बताना नहीं है, बल्कि किशोरों को यौन शोषण (Sexual Exploitation) से बचाने के लिए है।

Central Desk

Karnataka High Court: POCSO का मतलब दो किशोरों के बीच सहमति से बने संबंधों को अपराध की तरह बताना नहीं है, बल्कि किशोरों को यौन शोषण (Sexual Exploitation) से बचाने के लिए है।

इसी टिप्पणी के साथ Karnataka High Court ने एक 21 वर्षीय युवक के खिलाफ नाबालिग लड़की से शादी के मामले में आपराधिक मामला रद्द कर दिया।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु (Bengaluru) पुलिस की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, आरोपी को लड़की के नाबालिग होने के बारे में पता था, इसके बाद भी उसने लड़की से शादी की और यौन संबंध बनाए। फिलहाल, लड़की की उम्र 16 साल है। अब इस मामले को लेकर आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और आपराधिक मामले को रद्द करने की मांग की।

आरोपी ने कोर्ट को बताया कि वह लड़की के साथ रिश्ते में था और सबकुछ सहमति से हुआ है। इधर, लड़की और उसके माता-पिता की तरफ से भी न्यायालय में एक हलफनामा दिया गया, जिसमें बताया गया कि शादी अनजाने में और कानून की अज्ञानता में हुई थी। Court को जानकारी दी गई कि शादी से बीते साल एक बेटे का जन्म भी हुआ है।रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट के सामने तर्क दिया गया कि आरोपी को जेल भेजने से हालात और बिगड़ जाएंगे।

साथ ही बताया गया कि लड़की और नवजात दोनों ही आजीविका के लिए आरोपी पर निर्भर हैं। इधर, राज्य ने याचिका का विरोध किया और अपराध को जघन्य बताया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने पाया कि लड़की के पैरेंट्स ने आर्थिक रूप से कमजोर होने के चलते उसके भरण-पोषण करने में असमर्थ होने की बात कही है। कोर्ट ने कहा, याचिकाकर्ता न्यायिक हिरासत में है और पीड़िता और बच्चे के लिए काम नहीं कर पा रहा है।

अगर आपराधिक कार्यवाही जारी रहने की अनुमति दी गई, तो इससे पीड़िता और बच्चे को न्याय के बजाए और भी ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। Court ने यह भी कहा कि किसी नाबालिग के साथ यौन संबंध बनाना अपराध है, लेकिन केस के तथ्य और हालात को देखते हुए कार्यवाही को रद्द करना उचित है।