बेंगलुरु : कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) ने अपने एक फैसले में कहा कि दूसरे आदमी के साथ संबंध रखने वाली महिला को पति से गुजारा-भत्ता (Alimony) लेने का अधिकार नहीं है।
जब महिला पति के साथ ईमानदार नहीं है, तो उसे गुजारा-भत्ता देने का सवाल ही नहीं उठता। जस्टिस राजेंद्र बदामीकर ने एक महिला की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।
महिला ने हाई कोर्ट में चिक्कामगलुरु (Chikkamagaluru) के सेशन कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उसे गुजारा-भत्ता ना देने का आदेश दिया गया था।
महिला ने दावा कि वो कानूनी तौर पर शादीशुदा है। ऐसे में वह गुजारा-भत्ता की हकदार है। महिला ने अपने पति पर अवैध संबंध का भी आरोप लगाया। इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि जब महिला का अपना कैरेक्टर ही सही नहीं है तो वो पति पर उंगली नहीं उठा सकती।
पड़ोसी के साथ रहने लगी थी महिला
दरअसल, पति ने कोर्ट को बताया कि महिला एक पड़ोसी के साथ भाग गई थी। उसने पति के साथ रहने से इनकार कर दिया था। साल 2009 में महिला ने घरेलू हिंसा कानून (Domestic Violence Law) के तहत याचिका दायर की थी। इसमें उसने पति से 25 हजार रुपए जुर्माने के साथ हर महीने 3000 रुपए गुजारा-भत्ता की मांग की थी।
हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट के फैसले को सही ठहराया
13 मार्च 2013 को मजिस्ट्रेट ने महिला के पति को 5000 रुपए जुर्माना के अलावा हर महीने 2500 रुपए गुजारा-भत्ता देने का आदेश दिया था। पति ने सेशन कोर्ट (Session Court) में इस फैसले को चुनौती दी थी।
6 नवंबर 2015 को सेशन कोर्ट ने मजिस्ट्रेट के फैसले पलट दिया था। कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने सेशन कोर्ट के फैसले को सही ठहराया और महिला की याचिका को खारिज कर दिया।