It is a Crime to Mortgage your wife’s jewelery : केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) के न्यायमूर्ति ए बदरुद्दीन की एकल पीठ ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है।
पति ने अपनी पत्नी की सहमति के बिना पत्नी का सोना (Wife’s Gold) ज्वैलर के पास गिरवी रख दिया। पत्नी ने इसकी शिकायत की। केरल हाईकोर्ट ने इसे धारा 406 के तहत एक अपराध माना है।
पति को राहत देने से इनकार
पत्नी की बिना सहमति से पति को यह अधिकार नहीं मिलता है, कि वह पत्नी की ज्वेलरी को गिरवी रख सके। अदालत ने विश्वासघात का दोषी मानते हुए पति को राहत देने से इनकार कर दिया है।
पत्नी का आरोप था, उसने अपने जेवर पति को लाकर में रखने के लिए दिए थे। लेकिन पति ने पत्नी के जेवर एक निजी कंपनी में गिरवी रख दिए।
पत्नी से ना तो सहमति ली ना ही इसकी जानकारी दी। पति ने जेवर गिरवी रखकर जो राशि हासिल की थी। उसका उपयोग अपने निजी कार्यों में किया। High Court ने पति को विश्वासघात करने का आरोपी माना है ।