Kerala High Court ने ‘Media One’ चैनल पर रोक के फैसले को बरकरार रखा

News Aroma Media
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कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ को सुरक्षा मंजूरी देने से इंकार करने और प्रसारण पर रोक के फैसले को बुधवार को बरकरार रखा।

अदालत ने कहा कि चैनल के बारे में तैयार खुफिया रिपोर्ट में कानून व्यवस्था व राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कई पहुलुओं का उल्लेख है।

मुख्य न्यायाधीश एम मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी चाली ने कहा कि एकल पीठ का 31 जनवरी को चैनल के प्रसारण पर केंद्र द्वारा रोक लगाने के आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार करने का फैसला ‘सही’ है।

अदालत ने कहा कि उसने गृह मंत्रालयों द्वारा पेश की गई फाइलों का अवलोकन किया और पाया कि ‘मीडिया वन लाइफ’ और ‘मीडिया वन ग्लोबल’ के अपलिंकिंग और डाउलिंकिंग से संबंधित आवेदन में राज्य की सुरक्षा को प्रभावित करने को लेकर ऐसे पहलु हैं जिनका उल्लेख किया गया है।

माध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेट के संबंध कुछ अवांछित ताकतों के साथ हैं और उन्हें सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया है।

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अदालत ने कहा कि मीडिया वन के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग लाइसेंस नवीनीकरण से संबंधित आवेदन पर भी अदालत ने पाया कि ‘‘कुछ ऐसे प्रतिकूल रिपोर्ट खुफिया ब्यूरो द्वारा मध्यामम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड और उसके प्रबंध निदेशक के बारे में दी गई है।’’

अदालत ने कहा कि ‘‘यह सत्य है कि फाइल से मामले की प्रकृति, असर, गंभीरता और गहराई नहीं दिखती लेकिन साथ ही स्पष्ट और महत्वपूर्ण संकेत है कि इसका असर कानून व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा पर है।’’

पीठ ने कहा, ‘‘चूंकी गोपनीय और संवेदनशील फाइल केंद्रीय गृह मंत्रालय तैयार करता है, हम देश के प्रशासन के संबंध में राष्ट्रीय सुरक्षा, कानून व्यवस्था और अन्य पहलुओं से परे कुछ नहीं व्यक्त कर रहे हैं।’’

अदालत ने कहा, हालांकि, उसे उपलब्ध कराई गई फाइलों में बहुत विस्तृत जानकारी नहीं है लेकिन उसका विचार है कि ऐसे पहलु हैं जो कानून व्यवस्था या राज्य की सुरक्षा को प्रभावित करती है।

पीठ ने कहा, ‘‘हमारे सामने रखी गई गोपनीय फाइल की सामग्री सहित उपरोक्त पहुलओं पर गौर करते हुए हमारा विचारा है कि एकल न्यायाधीश केंद्र सरकार द्वारा ‘मीडिया वन टीवी’ के प्रसारण के लिए माध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड का अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग लाइसेंस नवीनीकरण से इंकार करने के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करने को लेकर सही हैं।

उपरोक्त निष्कर्षो के बाद अदालत ने आठ फरवरी को एकल पीठ द्वारा दिए गए फैसले को चुनौती देने के लिए संपादक सहित चैनल के कुछ कर्मचारियों और केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट (केयूडल्ब्यूजे) द्वारा दायर अपील भी खारिज कर दी।

मीडिया वन चैनल का परिचालन करने वाले माध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड ने इससे पहले अपनी अपील में दावा किया था कि निष्पक्ष समाचार दिखाने की वजह से ‘‘शोषित’ किया जा रहा है।

हालांकि, पहली बार नहीं है जब मीडिया वन के प्रसारण पर रोक लगाई गई है।

अन्य मलयालम चैनल एशियनेट के साथ मीडियावन के प्रसारण पर वर्ष 2020 के दिल्ली दंगों के कवरेज को लेकर 48 घंटे के संक्षिप्त समय के लिए रोक लगाई गई थी।

इस संबध में जारी आदेश में कहा गया था कि इन दोनों चैनलों ने हिंसा को कवर करते समय ‘‘ धार्मिक स्थल पर हमले को रेखांकित किया और एक खास समुदाय का पक्ष लिया।’’

केंद्र सरकार ने 31 जनवरी को चैनल के प्रसारण पर रोक लगा दी थी।

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