तिरुवनंतपुरम: केरल की पहली महिला आईपीएस अधिकारी आर.श्रीलेखा गुरुवार को सेवा से सेवानिवृत्त हो जाएंगी। वह वर्तमान में पुलिस महानिदेशक, अग्नि एवं बचाव सेवा के रूप में कार्यरत हैं।
1987 बैच की आईपीएस अधिकारी श्रीलेखा ने पुरुषों का गढ़ माने जाने वाले क्षेत्र में कई महिला आईपीएस अधिकारियों के लिए मार्ग प्रशस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनकी पहली पोस्टिंग अलप्पुझा जिले के चेरथला में सहायक पुलिस आयुक्त के रूप में हुई थी।
उन्होंने पलक्कड़, अलापुझा और त्रिशूर जिलों में जिला पुलिस अधीक्षक के रूप में काम किया था।
श्रीलेखा ने जेल महानिदेशक के रूप में कार्य करते हुए राज्य जेल विभाग में कई सुधार किए थे और कैदियों के कल्याण के लिए कई नई योजनाओं और परियोजनाओं को लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
वहीं शौकिया लेखिका के तौर पर उन्होंने मलयालम पत्रिकाओं और अखबारों में कविताओं और लेखों को लिखकर राज्य के साहित्यिक क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है।
उन्होंने पांच साल तक केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में सेवा की और पूरे राज्य में कई बड़े छापे मारे।
राज्य में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में परिवहन आयुक्त के रूप में श्रीलेखा की भूमिका महत्वपूर्ण थी और उन्हें अब भी सबसे अच्छे परिवहन आयुक्तों में से एक माना जाता है, जिनके कार्यकाल में विभाग द्वारा अधिकतम जुर्माना संग्रह किया गया था।
उन्होंने तकनीकी पेशेवरों की मदद से केरल में पहली बार सड़क सुरक्षा हैकथॉन का संचालन किया।
ऐसी जानकारी मिली है कि श्रीलेखा ने केरल के आईपीएस अधिकारी संघ को उनके लिए कोई विदाई कार्यक्रम आयोजित नहीं करने की जानकारी दी है।