लखनऊ: राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के डॉक्टर देश-दुनिया में छाए हुए हैं।
डॉक्टर मानवता की सेवा कर केजीएमयू का गौरव बरकरार रखें। वह सोमवार को केजीएमयू के 16वें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में दीक्षांत समारोह हुआ।
राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह को वर्चुअल सम्बोधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने भारत उन्नत अभियान शुरू किया है। इसके तहत केन्द्र सरकार 10 गांव को अपनाए। उत्तर प्रदेश भी इसमें बेहतर काम कर रहा है।
स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों को अपनाया है।
उन्होंने कहा कि केजीएमयू जार्जियन परिवार का एक पोर्टल बनाए, जिसमें डॉक्टर इलाज की नई तकनीक साझा करें।
उन्होंने कहा कि भारत में दुनिया भर से लोग इलाज के लिए आ रहे हैं। भारत के डॉक्टरों का भरोसा पूरे संसार को है।
अमेरिका में हर सातवां डॉक्टर भारतीय है। लिहाजा डॉक्टरों की जिम्मेदारी और बढ़ रही है।
नई और पुरानी पीढ़ी के डॉक्टर मिलकर मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराएं।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज बहुत खुशी का दिन है। आपके नाम के आगे डॉक्टर जुड़ जाएगा।
केजीएमयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से पढ़ाई करना गर्व की बात है।
केजीएमयू ने हमेशा गंभीर चुनौतियों के बीच गौरवशाली काम किया है। उन्होंने कहा कि अच्छा डॉक्टर के साथ बेहतर इंसान भी बनें। मरीजों का भरोसा जीतें। गरीबों की सेवा करें।
राष्ट्रपति ने प्रसन्नता जतायी कि आज के दीक्षांत समारोह में कुल 44 पदक विजेताओं में से 21 बेटियां हैं जो लगभग 50 प्रतिशत हैं।
उन्होंने विश्वास जताया कि हमारी ऐसी बेटियां 21वीं सदी के समावेशी भारत का निर्माण करने में अपना विशेष योगदान देंगी।
समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आज देश में कुल टीबी के मरीजों में से 20 प्रतिशत बच्चे उत्तर प्रदेश में हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2025 तक टीबी मुक्त भारत का सपना देखा है। इसलिए इस दिशा में हमें लगातार कार्य करना है।
राज्यपाल ने चिकित्सकों तथा डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों से आह्वान किया कि सभी कम से कम एक क्षय रोग ग्रसित बच्चे को गोद लें तथा देखभाल करें।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में अब तक 10,000 से अधिक बच्चों को गोद लिया जा चुका है।
इनमें से लगभग 6,000 बच्चे ठीक हो चुके हैं।
राज्यपाल ने कहा कि किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन कम से कम 60 टीबी ग्रसित बच्चों को हर साल गोद लेने का संकल्प लें और अगले दीक्षान्त समारोह तक उन्हें स्वस्थ करें।
इस अवसर पर राज्यपाल ने छह टीबी ग्रसित बच्चों को फल वितरित किये।
राज्यपाल ने केजीएमयू प्रशासन द्वारा चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु गोद लिये गये 10 गांव पर प्रसन्नता जाहिर की तथा उम्मीद जतायी कि प्रशासन संजीदगी से इन गांव में चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध करायेगा।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञानशीलता प्राप्त करना ही नहीं है बल्कि हर शिक्षार्थी के अन्दर विनम्रता एवं सेवाभाव भी होना चाहिये।
आज हम सबके लिये ऐतिहासिक दिन है। पांच वर्ष की मेहनत के बाद परिणाम आया है।
शिक्षकों द्वारा संस्कार, अनुशासन एवं सेवाभाव का जो पाठ सिखाया गया, उसे आपने मन लगाकर सीखा और मेडल भी प्राप्त किये। आप सभी तथा शिक्षक बधाई के पात्र हैं।
ये और भी खुशी की बात है कि 44 पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में से 21 छात्राएं हैं।
राज्यपाल ने कहा कि पढ़ने-पढ़ाने पर सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है।
इसलिए आपको अपनी शिक्षा का उपयोग समयबद्धता एवं गुणवत्ता के साथ समाज के लिये करना चाहिये।
समाज आपको भरपूर सम्मान देता है। अतः जिस प्रकार शिक्षक का व्यवहार बच्चे के लिये उसका प्रतिबिम्ब होता है उसी प्रकार प्रत्येक मरीज चिकित्सक में भगवान का रूप देखता है।
अतः आप सभी को करुणा एवं संवेदनशीलता के साथ बिना किसी भेदभाव के चिकित्सा सेवा देना चाहिये।
राज्यपाल ने गरीब महिलाओं के स्वास्थ्य पर चिंता जताते हुये कहा कि आज बड़ी संख्या में ग्रामीण, गरीब एवं अशिक्षित महिलायें ब्रेस्ट कैंसर तथा सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित हैं।
उन्होंने केजीएमयू को निर्देश दिये कि कैम्प कर इस सम्बन्ध में जागरुकता पैदा करने के साथ-साथ उपचार की भी सुविधा दें।
उन्होंने कहा कि यदि आप एक महिला की रक्षा करते हैं तो आप एक परिवार को बचाते हैं।
अतः इस दिशा में गम्भीरता से कार्य किया जाए। मां का आशीर्वाद कभी निष्फल नहीं जाता।
उन्होंने कहा कि दिव्यांगता के कारणों पर भी शोध होना चाहिए ताकि हम अपनी पीढ़ी को दिव्यांगता से बचा सकें।
उन्होंने डिग्री प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं से कहा कि वे अपनी शिक्षा को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के कार्य में लगाएं साथ ही सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध खड़े हों, ऐसे प्रयास करें कि सौ प्रतिशत डिलीवरी अस्पताल में हो तथा मातृ-शिशु मृत्यु दर कम हो।
राज्यपाल व विशिष्ट अतिथि चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने यूजी, पीजी व सुपरस्पेशयलिटी कोर्स के टॉपर्स को मेडल पहनाया जाएगा।
एमबीबीएस में ऑल ओवर टॉपर नितिन भारती रहे। उन्होंने एमबीबीएस के सभी प्रोफेशनल एक्जाम में सर्वोच्च अंक हासिल किए।
उन्हें संस्थान के सर्वोच्च मेडल हीवेट, चांसलर, यूनिवर्सिटी ऑनर्स, समेत 11 गोल्ड मेडल, एक सिल्वर मेडल मिला।
नितिन ने एससी कटेगरी के छात्रों में भी सर्वोच्च अंक रहे। ऐसे में उन्हें डॉ. आरएमएल मेहरोत्रा गोल्ड मेडल भी दिया गया। इसके अलावा एक सर्टीफिकेट अवॉर्ड व चार बुक प्राइज अवॉर्ड मिलाकर कुल 17 अवॉर्ड नितिन को मिले।
एमबीबीएस में दूसरे स्थान पर व लड़कियों में टॉपर आकांक्षा रहीं।
आकांक्षा को कुल दस अवॉर्ड मिले। इसमें सात गोल्ड मेडल व एक सिल्वर मेडल है। इसके अलावा दो बुक प्राइज रहे।
एमबीबीएस में तीसरे नंबर पर अंजलि सिंघल रहीं।
उन्होंने तीन गोल्ड मेडल व एक सिल्वर मेडल झटकने में सफलता पाई है। वहीं बीडीएस में अंजली मल्ल ने सर्वोच्च अंक हासिल किए हैं।
अंजिल मल्ल ने एचडी गुप्ता गोल्ड मेडल, डॉ. गोविला गोल्ड मेडल, डॉ. संतोष जैन गोल्ड मेडल, वेदवती गोल्ड मेडल समेत सात गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाकर टॉप किया।
विश्वविद्यालय के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी ने विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों पर विस्तृत प्रकाश डाला।