चंडीगढ़: अन्नदाता के आंदोलन ने हरियाणा की राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया है। कांग्रेस का दावा है कि हरियाणा में खट्टर सरकार खतरे में है। कांग्रेस की मानें तो भाजपा और जजपा के कई विधायक उनके संपर्क में हैं।
हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी शैलजा का कहना है कि हरियाणा की खट्टर सरकार के बहुत से ऐसे विधायक हैं जो असलियत को देख रहे हैं और हमारे संपर्क में हैं।
जब परिस्थितियां पैदा होंगी तो संविधान को देखते हुए हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनाने की कोशिश कर सकती है।
कुमारी शैलजा ने कहा कि आज जो स्थिति जो पैदा हुई है, उसमें बहुत से विधायक इसकी हकीकत को जान और पहचान रहे हैं। चाहें वो सत्तापक्षा के हों या उनके सहयोगी या फिर निर्दलीय।
कुमारी शैलजा ने कहा कि ऐसे कई विधायक उनसे बात भी करते हैं और अपनी नाराजगी भी जाहिर करते हैं।
उन्होंने कहा कि आगे जो स्थिति होगी कांग्रेस उस हिसाब से फैसला करेगी।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के इस दावे पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी प्रतिक्रिया दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सबको पता है कौन विधायक किसके सम्पर्क में है।
मेरा सिर्फ इतना कहना है कांग्रेस अपने विधायकों को लेकर सावधान रहें।
बता दें कि किसान आंदोलन के बीच भाजपा और जजपा गठबंधन के प्रमुख नेताओं ने मंगलवार शाम को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
भाजपा-जजपा नेताओं ने इस मुलाकात में अमित शाह को आश्वस्त किया था कि राज्य में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा बजट सत्र के दौरान यदि विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है तो भी गठबंधन की सरकार सुरक्षित रहेगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अमित शाह के साथ करीब एक घंटे चली बैठक के बाद कहा था कि हरियाणा में राजनीतिक माहौल एकदम ठीक है। राज्य में राजनीतिक अटकलें लगाई जा रही थीं, उनमें कोई दम नहीं है।
गठबंधन की सरकार पूरे विश्वास के साथ चल रही है और अपना कार्यकाल पूरा करेगी।
उधर, कुमारी शैलजा ने कहा कि खट्टर सरकार जनता का भरोसा खो चुकी है। अगर हालात बने और जरूरत महसूस हुई तो कांग्रेस राज्य में सरकार बना सकती है।
इसके साथ ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने दावा किया कि नए कृषि कानूनों को लेकर सत्तारूढ़ विधायकों में नाराजगी भी है।
गौरतलब है कि राज्य में भाजपा और जजपा गठबंधन की सरकार है।
ऐसा माना जा रहा है कि कुछ विधायक किसानों के दबाव में हैं।
हरियाणा के सियासी समीकरण को देखें तो राज्य में 90 विधानसभा सीटें हैं और बीजेपी ने 40 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई वहीं दुष्यंत चौटाला की जजपा को 10 सीटें हासिल हुई और कांग्रेस 36 सीटों पर ही रह गई।