खूंटी: तोरपा के पहले विधायक सामुएल होरो का शुक्रवार को गोस्सनर एवं जेलिकल लुथरेन कलीसिया मनोहरपुर कब्रिस्तान डोंगाकाटा में अंतिम संस्कार कर दिया गया।
तोरपा विधानसभा सीट से 1962 से 67 तक विधायक रहे 99 वर्षीय सामुएल होरो का गुरुवार को मनोहरपुर में निधन हो गया था।
उनके परिवार के सदस्यों के अलावा स्व एनई होरो के पुत्र रिलेन होरो, कुलन पतरस आईन्द, झारखंड ऑन्दोलनकारी मोर्चा के अनिल भगत, मसीह दास गुड़िया सहित सैकड़ों लोगों ने अंतिम संस्कार में भाग लिया और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने शोकाकुल परिवार को ढाढ़स बंधाया। अनिल भगत, कुलन पतरस आईंद ने इस बात पर अफसोस जताया कि आज झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार राज्य में है, पर जिस सामुएल होरो ने अपना जीवन झारखंड आंदोलन के लिए लगा दिया, उस सरकार की ओर से किसी ने शोक तक व्यक्त नहीं किया।
ज्ञात हो कि 1962 में के बिहार विधानसभा के चुनाव में झारखंड पार्टी के उम्मीदवार सामुएल होरो ने कांग्रेस पार्टी सहित कुल दस उम्मीदवारों की जमानत जब्त कराने हुए प्रचंड जीत हासिल की थी।
1963 में झारखंड पार्टी के संस्थापक मारंग गोमके जयपाल सिंह जब अपने 32 विधायकों के साथ अपनी झारखंड पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया था, तब सामुण्ल होरो ने इसका विरोध किया था और झारखंड आंदोलन और झारखंड पार्टी के अस्तित्व को बरकरार रखने अबुवा दिसुम रे अबुआ राईज की आवाज को गति देने के लिए वे झारखंड पार्टी को जीवित रखा।
तब एनई होरो को झारखंड पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया।
एनई होरो सता बार झारखंड पार्टी के विधायक और दो बार सांसद रहे।
अनिल भगत ने कहा कि अंतिम संस्कार में खानापूर्ति के लिए प्रशासन की ओर से मनोहरपुर के अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी और प्रखंड सह अंचलाधिकारी शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने पहुंचे।
पूर्व विधायक को अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में लोग कब्रिस्तान पहुंचे थे।