खूंटी : बुधवार को PM नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने खूंटी के बिरसा कॉलेज फुटबॉल मैदान में आयोजित कार्यक्रम में ‘आप सभी को जोहर’ के साथ अपना संबोधन प्रारंभ किया।
कहा कि उलिहातू में बिरसा मुंडा की पावन धरती की पवित्र मिट्टी को माथे से लगाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आज झारखंड की पावन भूमि से 2 महत्वपूर्ण अभियान शुरू हुआ है।
ये अभियान आदिवासियों को मजबूत करेगा। मोदी ने अगले 25 सालों में भारत को विकसित करने के लिए 4 अमृत स्तंभों को मजबूत करने का मंत्र दिया। कहा, देश की महिलाएं, किसान, युवा और मध्यम वर्ग ये स्तंभ हैं।
बिरसा की भूमि का कर्ज
PM ने कहा, मैं बिरसा की भूमि पर कर्ज चुकाने आया हूं। पहले की सरकारों में सारी सुविधाएं अमीरों को मिलती थीं। वंचितों को देखने वाला कोई नहीं था।
हमने ऐसे वंचितों को अपनी प्राथमिकता बनाई, क्योंकि मैंने कभी ऐसे परिवारों की रोटी खाई है। मैंने कभी समाज के अंतिम व्यक्ति का नमक खाया है।
मोदी की गारंटी की बातें
PM ने कहा कि वे वह दिन देख रहे हैं, जब हर गरीब के पास राशन कार्ड, बिजली कनेक्शन, आयुष्मान कार्ड, पक्का मकान होगा। हर किसान केंद्र के पेंशन योजना से जुड़ेंगे. यह मोदी की गारंटी है।
मोदी की गारंटी का मतलब गारंटी के भी पूरा होने की गारंटी। आगे कहा कि हमारे देश में 110 से ज्यादा जिले ऐसे थे, जो विकास के हर क्षेत्र में पिछड़े हुए थे।
पहले की सरकार बस उनकी पहचान कर छोड़ देती थी। इन जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं दशकों से दयनीय स्थिति में थी. संयोग देखिए, इन्हीं जिलों में देश की सबसे ज्यादा आदिवासी परिवार रहते थे।
इन जिलों को अपने हाल पर छोड़कर भारत कभी विकसित नहीं हो सकता था। इसलिए वंचितों को वरीयता के सिद्धांत पर चलते हुए हमारी सरकार ने इन जिलों को आकांक्षी जिला घोषित किया। इन जिलों में हम शिक्षा, स्वास्थ और सड़क जैसे अनेक विषयों पर शून्य से काम शुरू करके सफलता के नये शिखर पर पहुंच रहे हैं।
2 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का सपना
PM मोदी ने कहा कि 2 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का मेरा सपना है। महिलाओं को मोदी गारंटी देता है आपका यह भाई आपकी हर मुसीबत को दूर करेगा।
दशकों तक हमारे देश में सामाजिक न्याय और सेक्युलरिज्म (Social Justice and Secularism) को लेकर बहुत सी बातें होती रहीं। लेकिन, सच्चा सेक्युलरिज्म तभी आता है, जब देश के किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव की सारी संभावनाएं खत्म हो जाएं। सामाजिक न्याय का भरोसा तभी मिलता है, जब सबको बराबरी से समान भावना से सरकारी योजनाओं का लाभ मिले।