किसान आंदोलन : सिंघु और टीकरी बार्डर पर किसानों का धरना जारी, जाम से हाल-बेहाल

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चंडीगढ़: केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमा में सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर किसानों की मोर्चाबंदी छठे दिन भी जारी रही।

इसके कारण हाइवे सिंघु बॉर्डर पर आवागमन बाधित है और जाम लगा हुआ है। हालांकि पुलिस ने एडवायरी जारी कर दिल्ली, हरियाणा और पंजाब आने-जाने वाले लोगों को दूसरे रास्तों से आवागमन करने की सलाह दी है।

इधर बुधवार को भी बड़ी संख्या में हरियाणा से किसान धरने को समर्थन देने पहुंचे।

सोनीपत, पानीपत, रोहतक और झज्जर के गांवों से धरनारत किसानों को खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही है।

सोनीपत के बड़वासनी गांव से गन्ने की ट्राली, मिठाई और सब्ज़ियां लेकर किसान धरना स्थल पर पहुंचे।

बड़वासनी गांव के किसान बबला का कहना है कि बॉर्डर पर बैठे पंजाब के किसानों के लिए बड़वासनी गांव के ज्यादातर लोग आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली कूच कर रहे हैं।

जब तक किसान आंदोलन का फैसला नहीं होता, तब तक वे दिल्ली सीमा पर डटे रहेंगे।

हाइवे पर किसानों के धरने के कारण जाम की स्थिति है। दो दिन पहले तक तो हालात बहुत ही खराब थे लेकिन अब पहले की अपेक्षा कुछ बेहतर हालात हैं।

इसका एक कारण और भी बताया जा रहा है, वह यह कि हाइवे पर निर्माण कार्य भी चल रहा है।

हालांकि पुलिस ने एडवायजरी जारी कर राष्ट्रीय राजमार्ग-44(अंबाला-दिल्ली) स्थित सिंघु बॉर्डर की बजाय पानीपत, रोहतक, झज्जर, गुरुग्राम और दिल्ली मार्ग से जाएं जबकि हिसार की ओर से दिल्ली जाने वाले रोहतक-झज्जर-गुरुग्राम से होते हुए दिल्ली जा सकते हैं।

भाकियू प्रदेशाध्यक्ष चढूनी ने किसानों से की अपील

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों से संयम बरतने की अपील की।

उन्होंने कहा कि आंदोलन आगे बढ़ रहा है, इसे संयमित तरीके से चलाना है ताकि जाट आरक्षण आंदोलन की तरह कोई उपद्रव न हो।

उन्होंने स्पष्ट किया कि किसान अपनी मर्जी से कोई कार्य न करें, कहीं भी सड़क आदि बाधित न करें, जब तक यहां से कोई संदेश नहीं जाता है, तब तक किसान कोई फैसला न लें।

सरकार के साथ पहले दौर की वार्ता सिरे नहीं चढ़ पाई है। उन्हें गुरुवार को दोबारा बातचीत के लिए बुलाया गया है। बातचीत के दौरान जो भी फैसला होगा, उसे किसानों को अवगत कराया जाएगा।

खाप पंचायतों ने संभालना शुरू किया मोर्चा

अब जींद की सोनीपत की आंतिल खाप किसानों के समर्थन में उतर आई है। आंतिल खाप के 31 गांवों ने किसान आंदोलन काे अपना समर्थन किया है।

आंतिल खाप के हरियाणा में 24 गांव और 7 गांव यूपी में हैं। खाप के 25 से ज्यादा ट्रैक्टर-ट्रालियों मं किसान धरना स्थल के लिए रवाना हुए।

ओम सिंह आंतिल का कहना है कि जाट आरक्षण संघर्ष समिति न भी किसान आंदोलन का समर्थन किया है।

आंतिल खाप किसानों के साथ है, जब तक किसान विरोधी कानून वापस नहीं लिए जाते, तब तक खाप धरना स्थल पर डटी रहेगी।