किशनगंज: मंकीपॉक्स (Monkeypox) का केस मिलने के बाद सरकार ने Guideline जारी कर दी है।
Corona महामारी के प्रकोप के बीच अब आम लोगों को Monkeypox का भी डर सताने लगा है।
पूर्णिया सहित नजदीकी जिले में Monkeypox का संदिग्ध मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को Alert किया है।
चिकित्सा पदाधिकारी अपने स्तर से ANM, GNM, आशा कार्यकर्ता को Monkeypox से जुड़ी जानकारी देंगे
Monday को जारी गाइडलाइन (Guideline) के अनुसार सिविल सर्जन ने भी जिले के सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को Alert किया है।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा पदाधिकारी अपने स्तर से एएनएम (ANM), जीएनएम (GNM), आशा कार्यकर्ता को मंकीपॉक्स (Monkeypox) से जुड़ी जानकारी देंगे ताकि वह लक्षण के आधार पर इसकी पहचान कर सकें।
Monkeypox का कोई मरीज अगर मिलता है तो इसकी सूचना सीएस (SC) कार्यालय को देने का निर्देश दिया गया है, ताकि उसका Sample Collect किया जा सके। वैसे जिले में इस तरह के लक्षण नहीं मिले हैं।
Monkeypox को लेकर भ्रांतियां और अफवाहों पर भरोसा न करें
मंकीपॉक्स का Virus स्मॉल पॉक्स का ही एक रूप है जो 1958 में या बंदरों में पाया गया था। इसलिए इसका नाम Monkeypox पड़ गया।
आमतौर पर इंसानों में 14 से 21 दिनों तक मंकीपॉक्स (Monkeypox) रहता है और इलाज के साथ ठीक हो जाता है। इसमें घबराने की कोई बात नहीं है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील किया है कि Monkeypox को लेकर भ्रांतियां और अफवाहों पर भरोसा न करें।
सिविल सर्जन Dr. कौशल किशोर ने बताया कि मंकी पॉक्स में मुख्यतः सिर दर्द, बुखार, सर्दी, मांसपेशियों में दर्द, लाल चकत्ते, गले में सूजन और थकावट का होना इसके लक्षण हैं।
यह शरीर के किसी भाग में छोटे फफोले की तरह होता है जो ठीक भी हो जाता है। Monkeypox को लेकर कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन कुछ दवाएं हैं जो इसके लक्षणों में राहत देती है। इसलिए डॉक्टरी सलाह पर ही इसका इलाज करें।
Corona की तरह मंकीपॉक्स का इलाज भी संक्रमित व्यक्ति में रोग संबंधी लक्षण के आधार पर संभव
Purnia सहित अन्य नजदीकी जिलों में कुछ संदिग्ध मरीज जरूर मिले हैं। लिहाजा इसे लेकर सतर्क रहना जरूरी है
इसमें जान नहीं जाती है लेकिन मरीज को कष्ट होता है। यह संक्रामक बीमारी है, इसलिए इसके फैलाव के पूर्व पीड़ित को भीड़ भाड़ वाले जगह से बचना चाहिए।
Civil Surgeon ने बताया कि जिले में फिलहाल Monkeypox का कोई मामला सामने नहीं आया है। Purnia सहित अन्य नजदीकी जिलों में कुछ संदिग्ध मरीज जरूर मिले हैं। लिहाजा इसे लेकर सतर्क रहना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि मंकीपॉक्स Geogenetic Viral Disease है। इसका संक्रमण जानवर से आदमी के बीच फैलता है।
ये Chicken Pox फैमली का ही वाररस है। संक्रमण के पश्चात 10 से 15 दिनों तक दूसरे व्यक्ति में इसके प्रसार की संभावना अधिक होती है।
सदर Hospital के उपाधीक्षक डॉ अनवर आलम ने कहा कि Corona की तरह मंकीपॉक्स का इलाज भी संक्रमित व्यक्ति में रोग संबंधी लक्षण के आधार पर संभव है।
संक्रमित मरीज को आइसोलेट करना बेहद जरूरी है। ताकि संक्रमण के प्रसार की संभावना को नियंत्रित किया जा सके।