रांची: झारखंड के विभिन्न हिस्सों से रांची पहुंची रसोईयां संघ की सदस्यों ने मंगलवार को मोरहाबादी मैदान से कांके रोड स्थित सीएम आवास घेराव करने निकली।
हालांकि प्रशासन ने उन्हें राजभवन के समक्ष रोक दिया। मोरहाबादी मैदान से कांके रोड तक हर चौक पुलिस की तैनाती के साथ घेराबंदी की गई थी।
अपनी 15 सूत्री मांगों को लेकर रांची पहुंचे रसोइयों की मुख्य मांग है कि झारखंड में भी केरल की तर्ज पर रसोइयों का मानदेय लागू किया जाए।
सभी रसोइया व संयोजिकाओं को 400 रुपए प्रतिदिन मजदूरी लागू किया जाए।
रसोइया संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजीत प्रजापति ने बताया कि पिछले 16 वर्षो से रसोइया व संयोजिका सरकारी स्कूलों में रसोइया का काम करते आ रही हैं। रसोइया को जहां आज भी मात्र 42 रुपए भुगातन किया जा रहा है।
वहीं संयोजिका से मुफ्त में काम लिया जा रहा है। रसोइया संघ रसोइया के लिए न्यूनतम वेतन मान लागू करने की मांग कर रहे हैं।
इसके साथ ही काम से हटाए गए रसोइयों को वापस काम पर रखने की मांग कर रहे हैं।
इनका कहना है कि 2016 में तत्कालीन शिक्षा सचिव अराधना पटनायक ने सभी को वापस काम पर रखने का आदेश जारी किया था।
इसके 5 साल बीत जाने के बाद भी इन्हें अभी तक काम पर वापस नही रखा गया है। रसोईया संघ के सदस्यों की प्रमुख मांगों में संयोजिकाओं को भी रसोइया की तरह मानदेय लागू किया जाए।
वर्षों से काम कर रही रसोइया-संयोजिका को नियुक्ति पत्र जारी कर स्थायी किया जाए।
रसोइया का मानदेय 10 माह की जगह 12 माह के लिए किया जाए। विद्यालय के मध्याह्न भोजन के संचालन व सामान की खरीदारी करने की जिम्मेदारी नियमानुसार संयोजिका को दी जाए और आठ महीने से रसोइयों के बकाया मानदेय का भुगतान किया जाए। एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को 15 सूत्री मांग पत्र सौंपा।