कोडरमा : सोमवार की सुबह भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही लोक आस्था का महापर्व छठ (Chhath) संपन्न हो गया। व्रती व उनके स्वजनों ने भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर खुद के लिए और समाज व देश के हित की कामना की।
इससे पहले सोमवार की अहले सुबह से ही श्रद्धालु पास के छठ घाटों पर पहुंचने लगे थे। इन घाटों पर रोशनी की बेहतर व्यवस्था होने से यहां का दृश्य मनोहारी था।
कोई अपनी सवारियों से आए तो कोई दूर के इलाकों से टेंपो से पहुंचे
भक्ति भाव माहौल में विधि-विधान (Law and Order) से सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती सोमवार को अपने-अपने घरों की ओर लौट गए। विभिन्न घाटों पर कोई व्रती पैदल चलकर तो कोई अपनी सवारियों से आए तो कोई दूर के इलाकों से टेंपो से पहुंचे थे।
इधर कोडरमा के राजा तालाब, बरसोतियाबर, प्रेम सागर तालाब, डोमचांच स्थित शिवसागर तालाब, झुमरीतिलैया के इंदरवा, चाराडीह, उरवां समेत अन्य जगहों के घाटों पर कुछ श्रद्धालु पूरी रात मौजूद रहे।
इस दौरान गाना-बजाना का भी दौड़ चला। कुछ पूजा समितियों (Puja Committees) के तरफ से सजाए गए थे, कुछ लोगों ने अपने घाटों को अपने तरीके से सजाए थे जिन लोगों के घर से तलाब और नदी की दूरी अधिक थी, वे लोग अपने घर-आंगन या फिर छत पर घटों का निर्माण कर सजाए और भगवान भास्कर को अर्ध्य दिए।