Koderma Hemant Soren: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने मंगलवार को कोडरमा में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम (Aapki Sarkar Aapke Dwar) को संबोधित करते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं।
साथ ही विपक्षी दलों पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि सरकार आपके द्वार का तीसरा चरण का कार्यक्रम चल रहा है। शिविरों के माध्यम से गांव और दूर-दराज के इलाकों में किस तरह की समस्या है, इसका पता चलता है। पदाधिकारियों और कर्मचारियों के माध्यम से इसका पता नहीं लगता है।
शिविर में 35 लाख और दूसरे में 55 लाख आवेदन मिले
उन्होंने कहा कि पहले शिविर में 35 लाख और दूसरे में 55 लाख आवेदन मिले। जो शिकायतें देखने को मिली तो हमने सिर पकड़ लिया। एक करोड़ आवेदन आए। मतलब पूर्व की सरकार में ना अधिकारी और ना ही कर्मचारी काम करता था।
बोरा भर-भर कर समस्याएं ग्रामीण देते थे पर हल नहीं निकलता था। साथ ही कहा कि आज पूरे राज्य में कोई असहाय वृद्ध या विधवा महिला बिना पेंशन के नहीं है।
उन्होंने कहा कि रोटी कपड़ा मकान सबको चाहिए। कोरोना महामारी भी देखा और सूखाड़ भी देखा लेकिन ऐसी स्थिति में भी एक भी व्यक्ति को राज्य में भूख से नहीं मरने दिया।
मौसम की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की यही पहचान है- जल, जंगल, जमीन लेकिन विकास के नाम पर पर्यावरण पर इतने अत्याचार हो रहे हैं कि परिणाम किसानों को झेलना पड़ रहा है।
किसान विरोधी काले कानून के खिलाफ दिल्ली में एक साल तक आंदोलन चला। कानून लागू होता तो किसान दिखाई नहीं देता। कुछ षड्यंत्रकारी देश के अन्नदाता को ही मार देना चाहते हैं। केंद्र सरकार की योजना पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि वह दो कमरों का आवास मुर्गी खाना देता था। हम तीन कमरों का आदमी के रहने का आवास दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कोडरमा और गिरिडीह के माइका उद्योग पर चर्चा करते हुए कहा कि हमने माइका पॉलिसी बनाया। काम भी आगे बढ़ा लेकिन कुछ लोगों ने हवा दे दी कि इसमें यूरेनियम का अंश है। अब इसकी जांच चल रही है।
दो नंबर के माध्यम से जेब भरने में लगे हैं लेकिन चिंता नहीं
विभाग पूरा देश दुनिया में घूम रहा है। रिपोर्ट आ रही है, जा रही है। जरूर कुछ शैतानी लोग हैं जो कोडरमा जिले में जो अभ्रक खदान का निदान नहीं चाहते हैं।
दो नंबर के माध्यम से जेब भरने में लगे हैं लेकिन चिंता नहीं। हम इसका भी रास्ता निकालेंगे। अभ्रक व्यवसाय को अपने पैरों पर सुनियोजित तरीके से खड़ा करने का काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों ने 20 सालों तक राज्य को बीमार बना रखा था लेकिन बीते तीन वर्षों में स्थिति सुधरी है। अब झारखंड पिछड़ा राज्य नहीं रहेगा।
सोरेन ने कहा कि विपक्षी अड़ंगा लगाते रहें, हम अपना काम करते रहेंगे। यहां के युवाओं को लगातार नौकरी दे रहे हैं और आगे भी देंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कई योजनाएं चला रही है। कई योजनाएं शुरू करने वाली है लेकिन इसमें आर्थिक समस्या आड़े आती हैं।
उन्होंने कहा कि झारखंड का कोयला रायल्टी मद का एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये केंद्र के पास बकाया है। यदि इतने पैसे मिल जाते तो यहां के 50 लाख गरीबों को आवास, 15-20 लाख युवाओं को स्वरोजगार के लिए 10-10 लाख रुपये का ऋण मिल जाता। इस पैसे से 10 लाख सरकारी पदों पर बहाली भी करते।
उन्होंने कहा कि राज्य के पास DVC का 12 हजार करोड़ बकाया है तो बिजली काटनी शुरू कर दी लेकिन अब झारखंड सरकार एक-डेढ़ साल में जिलों में खुद बिजली संरचना तैयार करेगी और कोडरमा समेत कई जिलों के गांवों में बिजली नहीं कटेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य बनने के बाद पदाधिकारी और कर्मी गांव नहीं जाते थे लेकिन अब समय बदल गया है।अधिकारियों और कर्मियों को योजनाओं की गठरी लेकर आपके दरवाजे तक भेजा जा रहा है।
इस गठरी से आप अपनी जरूरत की योजना को ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की 80 प्रतिशत आबादी गांवों में है। गांव मजबूत होंगे तभी राज्य मजबूत होगा।
राज्य के श्रम नियोजन मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि सरकार ने विकास की लंबी रेखा खींची है। कई योजनाओं के माध्यम से गरीबों असहायों को लाभ मिला है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कोडरमा की शिक्षा मंत्री थी तब विद्यालयों का हाल बेहाल था। न चहारदीवारी थी, ना शौचालय और ना ही भवन था लेकिन चार वर्षों में इसे दूर किया गया है।
कुछ लोगों को नियुक्ति पत्र भी दिया गया
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने केंद्र पर सौतेलेपन का आरोप लगाते हुए कहा कि जब-जब सुखाड़ आया केंद्र के सामने हाथ फैलाया है लेकिन केंद्र सरकार की नीति झारखंड के साथ ठीक नहीं रही। यदि झारखंड को उसका हक मिल जाता तो यहां के लोग खुशहाल होते।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन के बाद लाभुकों के बीच परिसंपत्ति का वितरण भी किया। सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, (Savitribai Phule Kishori Samriddhi Yojana) बिरसा सिंचाई कूप योजना, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मत्स्य विपणन योजना, मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना, कन्यादान योजना के लाभुकों को परिसंपत्ति का वितरण किया गया।
कुछ लोगों को नियुक्ति पत्र भी दिया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उरवां और योगियाटिलहा सहित अन्य पंचायतों के ग्रामीणों से सीधा संवाद भी किया।
कार्यक्रम में विधायक अमित यादव, जिला परिषद अध्यक्ष रामधन यादव, मुख्यमंत्री के सचिव विनय चौबे, सलाहकार अभिषेक श्रीवास्तव के अलावा उपायुक्त मेघा भारद्वाज, एसपी अनुदीप सिंह, डीडीसी ऋतुराज समेत कई अधिकारी मौजूद थे।