कोडरमा: पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सुबोध कांत सहाय ने कोडरमा इलाके में ढिबरा चुनने के लिए समुदाय को अधिकार दिए जाने की मांग की है।
सोमवार को अभ्रक उद्योग बचाओ संघर्ष मोर्चा ने समाहरणालय परिसर में धरना का आयोजन किया गया। इनकी मांग है कि अभ्रक ढिबरा चुनने और बेचने की अनुमति स्थानीय लोगों को मिलनी चाहिए और इसका कारोबार वैध तरीके से हो इसका प्रयास किया जाना चाहिए।
मोर्चा के धरना प्रदर्शन में भाग लेने पहुंचे कांग्रेस नेता सुबोध कांत सहाय ने पत्रकार वार्ता में कहा कि माइका स्क्रैप यानी ढिबरा चुनने के रोजगार पर आश्रित इस क्षेत्र के लगभग एक हजार गांवों में सहकारी समितियों का गठन कर ढिबरा पर समुदाय को अधिकार दिए जाने की जरूरत है।
सरकार एजेंसी सहकारी समितियों से माइका स्क्रैप की खरीद करें ताकि गरीबों को उचित मूल्य मिल सके।
उन्होंने कहा कि वन, खनन और पुलिस विभाग के द्वारा माइका स्क्रैप चुनकर पेट पाल रहे ग्रामीणों तथा छोटे व्यापारियों की धरपकड़, माल एवं वाहन की जब्ती मुकदमा तथा गिरफ्तारी जैसी दमनात्मक कार्रवाई अविलंब बंद होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकारी अधिकारियों के संरक्षण में वन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पत्थर, माइका तथा अन्य खनिजों का अवैध खनन होता रहा है, इसमें संलिप्त वन, पुलिस एवं खनन विभाग के अधिकारियों तथा राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने की जरूरत है।
सहाय ने बताया कि जानकारी के मुताबिक झारखंड सरकार पूर्व के बिहार माइका एक्ट 1947 तथा बिहार माइका रूल्स 1948 की तर्ज पर नया कानून बनाने का इरादा रखती है।
यह एक बेहतर कदम होगा। हमारा सुझाव है कि नया कानून बनाने की प्रक्रिया में अभ्रक उद्योग से जुड़े व्यवसायियों, विशेषज्ञों तथा सामाजिक राजनीतिक प्रतिनिधियों की सलाह एवं जानकारी को भी समावेशित किया जाए।
उन्होंने कहा कि अभ्रक उद्योग की बदहाली दूर होगी और यदि इसका पुनरुद्धार हुआ तो कोडरमा, गिरिडीह और हजारीबाग जिले के हजारों लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
उन्होंने कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि झारखंड की वर्तमान सरकार अभ्रक उद्योग की बदहाली को दूर कर इस के पुराने गौरवशाली दिनों को वापस लाएगी।
पत्रकार वार्ता के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता दयामणि बारला, कांग्रेस के निर्मल कुमार ओझा, मनोज सहाय पिंकू के अलावा प्रकाश विप्लव, असीम सरकार और अशोक वर्मा भी मौजूद थे।