कोलकाता: पश्चिम बंगाल में अवैध तरीके से बांग्लादेशियों के घुसपैठ और यहां के स्थानीय नेताओं द्वारा उन्हें शरण दिए जाने के आऱोप सामने आते रहते हैं।
अब अब सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की पकड़ में आये एक बांग्लादेशी नागरिक जहांगीर मल्लिक से पूछताछ में जो जो खुलासे हुए हैं उनसे इन आरोपों को और बल मिला है।
बीएसएफ की ओर से बताया गया है कि मल्लिक ने पूछताछ में इस बात का खुलासा किया है कि राजधानी कोलकाता के खिदिरपुर इलाके में एक हजार से अधिक ऐसे बांग्लादेशी नागरिक रह रहे हैं जिन्होंने अवैध तरीके से पश्चिम बंगाल में घुसपैठ किया था।
मल्लिक ने बताया है कि अल्पसंख्यक बहुल इस इलाके में बांग्लादेशी नागरिकों को रहने के लिए वैध वोटर कार्ड और आधार कार्ड बनाए गए हैं तथा उन्हें बड़े पैमाने पर काम भी दिया जाता है।
बताया गया है कि उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास घुसपैठ नाकाम कर अवैध तरीके से भारत में प्रवेश करते सात और बांग्लादेशी नागरिकों को रविवार गिरफ्तार किया गया था।
सीमा चौकी झींगा 118वीं वाहिनी ने विशेष अभियान चलाकर सातों को रविवार को गिरफ्तार किया था। पकड़े गए लोगों में चार पुरुष और तीन महिलाएं हैं।
इनकी पहचान जहांगीर मल्लिक, नानू मुल्ला, बिलाल शेख, सोहन शेख, हीना बेगम, सुमी बेगम, समजीदा बेगम के रूप में हुई है। सभी बांग्लादेश के नरेल व फरीदपुर जिले के हैंं।
सोमवार को सारा दिन पूछताछ में सभी ने अपने को बांग्लादेश का नागरिक बताया। ये रोजगार की तलाश में अवैध तरीके से सीमा पार कर भारत आ रहे थे।
जहांगीर ने बीएसएफ को बताया कि वह पहली बार सात साल पहले एक बांग्लादेशी दलाल की मदद से अवैध तरीके से सीमा पार कर बांग्लादेश से भारत आया था।
कोलकाता के बाबूबाजार (खिदिरपुर) में रहकर राजमिस्त्री का काम कर रहा था। परिवार से मिलने कुछ दिन पहले बांग्लादेश गया था।
उसने दावा किया कि कोलकाता के खिदिरपुर में जहां वह रहता है, उस जगह पर लगभग एक हजार बांग्लादेशी नागरिक अवैध तरीके से रह रहे हैं।
उसने यह भी बताया कि सीमा पार कराने के लिए उसने बांग्लादेशी दलाल को 10 हजार बांग्लादेशी टाका दिए थे।
दो दिन पहले ही कोलकाता पुलिस ने यूपी एटीएस के सहयोग से कोलकाता के आनंदपुर इलाके में एक इमारत में छापेमारी कर अवैध तरीके से रह रहे 20 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। अब बांग्लादेशी नागरिक के खुलासे ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि खिदिरपुर इलाके के लगभग सभी जनप्रतिनिधि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के हैं। यह मूल रूप से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बेहद करीबी कहे जाने वाले परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम का क्षेत्र है जिन्होंने पूर्व में एक पाकिस्तानी अखबार को इंटरव्यू देते हुए इस इलाके को मिनी पाकिस्तान करार दिया था।