रांची: कोलकाता कैश कांड में Jharkhand High Court के अधिवक्ता राजीव कुमार (Rajiv Kumar) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। राजीव कुमार को मिली बेल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिये जाने की तैयारी है।
अमित कुमार अग्रवाल की SLP पर 16 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में सुनवाई हुई थी। इसमें अमित कुमार अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त अंतरिम जमानत मिली थी।
इस दौरान असिस्टेंट सॉलिसिटर जेनरल (Assistant solicitor general) ने कोर्ट को बताया था कि हाई कोर्ट से राजीव कुमार को बेल मिली है। उनके बेल ऑर्डर को चुनौती दी जा रही है।
बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट से 30 नवंबर को जमानत याचिका खारिज होने के बाद अमित कुमार अग्रवाल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गयी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने 16 दिसंबर को उन्हें अंतरिम जमानत शर्तों के साथ दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें आदेश दिया है कि जब तक वह अंतरिम जमानत पर रहेंगे, तब तक वह ट्रायल कोर्ट में अपना Passport जमा कराये रखेंगे।
राजीव कुमार को 9 नवंबर को मिली थी बेल
लोअर कोर्ट (lower court) के आदेश के बिना वह भारत नहीं छोड़ेंगे। साथ ही ED द्वारा समन भेजे जाने पर अमित अग्रवाल ED के ऑफिस भी जायेंगे।
वहीं, अमित अग्रवाल को एक मोबाइल नंबर भी देने को कहा गया था, जिस पर उनसे संबंधित प्राधिकार द्वारा संपर्क किया जा सके, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह कहां हैं।
गौरतलब है कि अधिवक्ता राजीव कुमार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money laundering cases) में झारखंड हाई कोर्ट से 9 नवंबर को बेल मिली थी।
आरोप है कि एक जनहित याचिका से नाम हटाने के एवज में अमित अग्रवाल ने राजीव कुमार के साथ एक करोड़ रुपये में सौदा तय किया था।
इसकी पहली किस्त के तौर पर उन्हें 50 लाख रुपये दिये थे। राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। ED ने इस मामले में जांच की और अधिवक्ता राजीव कुमार और अमित अग्रवाल (Amit Agarwal) को आरोपी बनाया।