कोलकाता: राज्य के खुफिया विभाग ने गणतंत्र दिवस पर राज्य के कई रेलवे स्टेशनों पर संभावित माओवादी हमले को लेकर सभी जिलों, खासकर रेलवे को अलर्ट भेज दिया है।
अलर्ट में यह भी कहा गया है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं, मोबाइल टावरों और पुलिस और केंद्रीय पुलिस कैंपों पर भी हमला हो सकता है।
हालांकि राज्य में शायद ही किसी प्रकार की विध्वंसक माओवादी गतिविधि रही हो, लेकिन हाल ही में कोलकाता के एक व्यवसायी महेश अग्रवाल को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा साल्ट लेक से कथित तौर पर झारखंड के माओवादियों को फंडिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। राज्य में संभावित माओवादी गतिविधियों को लेकर राज्य पुलिस हाई अलर्ट पर है।
एनआईए ने यह भी कहा कि वे उसके दो व्यापारिक साझेदारों की तलाश कर रहे हैं जो अभी भी फरार हैं। अग्रवाल से पहले एनआईए ने पिछले तीन साल से फरार एक माओवादी नेता मोनोज तिवारी को भी गिरफ्तार किया था।
राज्य पुलिस के सूत्रों ने कहा कि शुरूआत में केंद्रीय खुफिया विभाग द्वारा अलर्ट जारी किया गया था और इसके परिणामस्वरूप राज्य पुलिस ने सभी जिला पुलिस मुख्यालयों और रेलवे को एक साथ अलर्ट जारी किया है।
अलर्ट में कहा गया है कि झारग्राम-गिरिडीह, खड़गपुर-आगरा, पुरुलिया-बीरामुडी, पुरुलिया-मुरी, झालदा-बोकारो और सिरीडी-अंडाल जैसे रेलवे मार्गों पर संभावित हमले हो सकते हैं।
अलर्ट झारखंड के पश्चिम-सिंहभूम में हाल ही में हुए माओवादी हमले को संदर्भित करता है, जिसमें दो लोगों की जान चली गई थी।
इसमें कहा गया है कि जिला पुलिस को इस अलर्ट की सूचना तुरंत सभी पुलिस थानों, खासकर उन पुलिस चौकियों और पुलिस थानों को देनी चाहिए, जो रेलवे ट्रैक से सटे हैं।
राज्य पुलिस प्रशासन ने सभी थानों को रेलवे ट्रैक पर चौकसी बढ़ाने को कहा है। जीआरपी और आरपीएफ को ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर कड़ी नजर रखने को कहा गया है, ताकि इस तरह की तमाम कोशिशों को नाकाम किया जा सके।
पुलिस थानों को भी रेलवे ट्रैक पर चौकसी बढ़ाने और उच्च अधिकारियों को लगातार रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। जिला पुलिस को राज्य पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए कहा गया है।
राज्य पुलिस की खुफिया विभाग ने माओवादी नेतृत्व की जानकारी लेने के साथ ही बिहार, झारखंड और उड़ीसा समेत सभी पड़ोसी राज्यों को अलर्ट भेज दिया है।