नई दिल्ली: बहुभाषी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (Social Media Platform) कू ऐप (Koo App) ने 10 भाषाओं में ‘टॉपिक्स’ नामक एक बेहतरीन इन-ऐप फीचर (In-App Feature) की शुरुआत की है।
बहुभाषी Users को टॉपिक्स काफी ज्यादा व्यक्तिगत अनुभव प्रदान करते हैं। हिंदी, बांग्ला, मराठी, गुजराती, कन्नड़, तमिल, तेलुगू, असमिया, पंजाबी और अंग्रेजी जैसी 10 भारतीय भाषाओं में इस फीचर को मुहैया कराने वाला कू ऐप पहला और एकमात्र मंच है।
‘सबसे पहले भाषा’ दृष्टिकोण के साथ सभी को एकजुट करने वाला मंच होने के नाते Koo App के पास विभिन्न आयु-वर्ग-स्थान के यूजर्स हैं।
इनमें लाखों ऐसे क्रिएटर्स शामिल हैं, जो पहली बार सोशल मीडिया (Social Media) पर आए हैं और कविता, साहित्य, कला, संस्कृति, खेल, फिल्म, आध्यात्मिकता के माध्यम से सक्रिय रूप से खुद को व्यक्त करते हैं।
Topics के माध्यम से Users को केवल उस तरह का कंटेंट देखने को मिलता है, जो उनके लिए सबसे अधिक प्रासंगिक होता है। इस तरह Koo App पर टॉपिक्स फीचर (Topics Feature) उनकी यात्रा को और अधिक सार्थक और समृद्ध बनाता है।
Koo App पर होने वाली तमाम चर्चाओं के बीच, टॉपिक्स फीचर यूजर्स के लिए Platform पर मौजूद फ़ीड को स्क्रॉल करने के बजाय उनकी दिलचस्पी और पसंद के अनुसार कंटेंट चुनना और देखना आसान बनाता है।
मिसाल के तौर पर स्वास्थ्य से संबंधित समाचार और जानकारी चाहने वाला यूजर टीकाकरण, जीवन शैली की बीमारियों, चिकित्सा विशेषज्ञों से स्वास्थ्य संबंधी सलाह आदि से जुड़ी सभी प्रासंगिक Koo Post देखने के लिए टॉपिक टैब के अंतर्गत ‘स्वास्थ्य’ सेक्शन पर Click कर सकता है।
अब 10 भारतीय भाषाओं में Koo App
कू ऐप के सह-संस्थापक मयंक बिदावतका कहते हैं, “10 भारतीय भाषाओं में टॉपिक्स को लॉन्च करने वाला पहला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (Social Media Platform) होने पर हमें गर्व है।
यह फीचर ना केवल यूजर्स को उनकी दिलचस्पी का कंटेंट खोजने में मदद करता है बल्कि प्रासंगिक Users द्वारा कई क्रिएटर्स को खोजने में भी मदद करता है।
यूजर्स के लिए इस फीचर की प्रासंगिकता काफी ज्यादा है, क्योंकि हर महीने हमारे मंच पर 2 करोड़ से ज्यादा टॉपिक्स को Follow किया जाता है।
हम टॉपिक को वर्गीकृत करने के लिए कॉम्प्लेक्स मशीन लर्निंग मॉडल (Complex Machine Learning Models) का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें सटीकता का स्तर बेहद ज्यादा होता है।
अस्तित्व में आने के बाद काफी कम वक्त में इस तरह की जटिलता में महारत हासिल करने पर हमें गर्व है। मुझे उम्मीद है कि इस साल के अंत तक 10 करोड़ से अधिक टॉपिक्स हर महीने फॉलो (Follow) किए जाएंगे।”
अंग्रेजी भाषाओं के उलट भारतीय भाषाओं के लिए NLP तकनीक
Koo App के मशीन लर्निंग के प्रमुख हर्ष सिंघल ने कहा, “कई भाषाओं में Topics लाने के लिए कई अत्याधुनिक मशीन लर्निंग और नेचुरल लैंग्वेंज प्रोसेसिंग (NLP) तकनीकों का एक संयोजन किया गया है।
अंग्रेजी भाषाओं के उलट भारतीय भाषाओं के लिए NLP Techniques में व्यापक इकोसिस्टम उपलब्ध नहीं है। कू ऐप ने भारतीय भाषाओं में टॉपिक्स के निर्माण के लिए भारतीय भाषा की NLP को लागू करने के लिए तमाम क्षेत्रों में नवाचार किया है।
कू ऐप की मशीन लर्निंग टीम ने लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (LLM) और कुछ सबसे जटिल न्यूरल नेटवर्क आर्किटेक्चर को प्रशिक्षित किया है, जो मंच पर सबसे ज्यादा चर्चा किए जाने वाले विषयों को ढूंढ़ते हैं।
शायद Koo App पर भारत में हर रोज चर्चा किए जाने वाले विषयों की सबसे ज्यादा विविधता है। इस वास्तविकता को देखते हुए, हमारे पास जो कुछ भी है उसे हासिल करना भारत के लिए बहुत बड़ी बात है। सबसे रोमांचक बात तो यह है कि यह सिर्फ हमारी शुरुआत भर है!”
Koo App भविष्य में 10 करोड़ Download हासिल करने की इच्छा
Koo App ने हाल ही में साढ़े चार करोड़ Download का आंकड़ा हासिल किया है, जो एक साल पहले केवल एक करोड़ था और यह इसके तेजी से आगे बढ़ने वाले वक्त को पेश करता है।
बिदावतका कहते हैं, “Koo App भविष्य में 10 करोड़ Download हासिल करने की इच्छा रखता है और ऐसी तकनीक का निर्माण करता है जो दुनिया में हर जगह देशी भाषा बोलने वाले को सशक्त बना सके।
भारत की तरह, दुनिया के लगभग 80% लोग अपनी मातृभाषा बोलते हैं। भारत से आने वाला एक मंच होने के नाते, Koo App बहुभाषी समाजों की बारीकियों और लोकाचार को समझता है और हमारी तकनीक वैश्विक स्तर पर भारत का सीना गर्व से चौड़ा कर सकती है।”
टॉपिक्स, किसी भी वक्त Koo App पर 10 भाषाओं में यूजर्स द्वारा की जा रही चर्चा को दर्शाते हैं। इसमें विभिन्न श्रेणियों (जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, फिल्में, खेल), प्रतिष्ठित शख्सियतों, संगठनों (जैसे इसरो, आईएमएफ, आदि), स्थान (खबरों में शामिल राज्य, शहर, देश) और कई अन्य ट्रेंडिंग टॉपिक के साथ सबसे लोकप्रिय टॉपिक्स शामिल हैं।
गौरतलब है कि Koo App एक बहुभाषी, माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म है। इसे मार्च 2020 में लॉन्च किया गया था। इसका मकसद दुनियाभर के Users को अपनी मातृभाषा में Online अभिव्यक्ति करने में सक्षम करना है।