रांची: राज्य सरकार ने कोरोना जांच की रफ्तार बढ़ाने के लिए कोबास मशीनें लगाने का फैसला लिया है।
इस मशीन के माध्यम से प्रत्येक दिन बड़ी संख्या में सैंपलों की जांच हो सकेगी। फिलहाल रांची के रिम्स तथा दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में एक-एक कोबास मशीन लगाने की अनुमति मिली है।
राज्य सरकार ने दोनों मेडिकल कॉलेज सह अस्पतालों में एक-एक कोबास-6800 मशीन लगाने के लिए रोचे डायग्नोस्टिक लिमिटेड को वर्क आर्डर देने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे लेकर एनएचएम, झारखंड तथा कंपनी के बीच होनेवाले एमओयू के प्रारुप पर अपनी स्वीकृति दे दी है।
इसपर कैबिनेट की स्वीकृति बाद में ली जाएगी। दोनों मशीनों को लगाने पर कुल 8.73 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
बताया जाता है कि कोबास मशीन लग जाने से प्रत्येक मशीन से एक दिन में 1,344 सैंपल की जांच हो सकेगी।
इससे प्रत्येक दिन 2,700 सैंपल की जांच बढ़ जाएगी। यह भी कहा जा रहा है कि इसकी जांच की गुणवत्ता बेहतर होती है।
बता दें कि राज्य सरकार ने पिछले साल रिम्स में कोबास मशीन लगाने के लिए आइसीएमआर से मांग की थी।
हालांकि उस समय यह मशीन उपलब्ध नहीं हो पाई थी।
बता दें कि राज्य सरकार ने कोरोना की जांच बढ़ाने के लिए सात जिलों रांची, जमशेदपुर, बोकारो, चाईबासा, गुमला, देवघर व गोड्डा में कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच के लिए एक-एक लैब की स्थापना का निर्णय लिया है।
ये लैब बीएसएल दो तथा तीन स्तर की होंगी। वर्तमान में औसतन 35 से 40 हजार सैंपल की जांच हो रही है।
ये सभी मशीनें लग जाने तथा लैब चालू हो जाने से प्रत्येक दिन लगभग 50 हजार सैंपल की जांच हो सकेगी।