नई दिल्ली: अमेरिका में पाकिस्तान की पूर्व राजदूत आबिदा हुसैन ने खुलासा किया है कि ओसामा बिन लादेन ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का समर्थन और वित्त पोषण (फंडिंग) किया था।
आबिदा ने कहा, हां, उन्होंने (ओसामा बिन लादेन) एक समय मियां नवाज शरीफ का समर्थन किया था। हालांकि, यह एक जटिल कहानी है।
उन्होंने एक निजी टेलीविजन चैनल जियो टीवी के साथ एक साक्षात्कार में कहा, वह (ओसामा) नवाज शरीफ की वित्तीय सहायता करते थे।
खबर के मुताबिक पाकिस्तान ने खबर दी थी कि नवाज शरीफ की सरकार में कैबिनेट के पूर्व सदस्य रहे हुसैन ने याद किया कि एक समय बिन लादेन लोकप्रिय था और अमेरिकियों समेत हर किसी को पसंद था, लेकिन बाद में उन्हें अजनबी माना गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनाव हारने के बाद उन्हें नवाज शरीफ के पहले प्रीमियर के दौरान राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया था।
उन्होंने कहा कि अमेरिका में दूत के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उनका अधिकांश संवाद राष्ट्रपति गुलाम इशाक खान के साथ हुआ करता था।
खान ने उन्हें 18 महीने में पाकिस्तान द्वारा अपना परमाणु कार्यक्रम पूरा करने तक अमेरिकी को बातचीत में व्यस्त रखने का जिम्मा सौंपा था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि राजनयिकों, सीनेटरों और कांग्रेसियों सहित अमेरिकी प्रशासन परमाणु कार्यक्रम के निष्पादन के खिलाफ पाकिस्तान को सलाह देता था।
चूंकि परमाणु कार्यक्रम राष्ट्रपति के अधिकार क्षेत्र में था, इसलिए उन्होंने कहा कि उनकी अधिकांश बातचीत उनके साथ हुई करती थी, न कि प्रधानमंत्री के साथ। इसकी वजह यह भी है कि रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति गुलाम इशाक खान को किसी पर भरोसा नहीं था।