Students will get Bicycles : झारखंड सरकार इस साल शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने जा रही है। शैक्षणिक सत्र 2025-26 शुरू होते ही सरकारी स्कूलों में आठवीं कक्षा के छात्रों को साइकिल (Bicycle) उपलब्ध कराई जाएगी।
शिक्षा विभाग (Education Department) ने साइकिल खरीदने के लिए टेंडर जारी कर दिया है और मई-जून के बीच वितरण की योजना बनाई गई है।
बीते कुछ वर्षों से यह योजना देरी से चल रही थी, लेकिन इस बार सरकार इसे नियमित रूप से लागू करने जा रही है। शिक्षा मंत्री चमरा लिंडा ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि सभी छात्रों को उनके अधिकार मिलने चाहिए।
साइकिल वितरण के लिए नए नियम लागू
सरकार ने इस बार साइकिल की गुणवत्ता और वितरण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कुछ नए नियम बनाए हैं। साइकिल खरीदने के लिए सबसे जरूरी शर्त यह रखी गई है कि वे ब्रांडेड हों और कंपनियां दो महीने के भीतर लगभग 4 लाख साइकिलों का उत्पादन और आपूर्ति कर सकें।
इसके लिए डिलीवरी सिस्टम को भी मजबूत किया जाएगा। पहले राज्य में 250 क्लस्टर थे, जहां साइकिलों के पार्ट्स लाकर असेंबल किए जाते थे। अब इनकी संख्या और बढ़ाई जाएगी।
मान्यता प्राप्त स्कूलों के छात्रों को भी मिलेगा लाभ
अभी तक साइकिल वितरण योजना केवल सरकारी और कल्याण विभाग (Government and Welfare Department) से जुड़े स्कूलों के छात्रों के लिए थी। लेकिन इस साल सरकार इसे बढ़ाने पर विचार कर रही है।
अब राज्य के मान्यता प्राप्त स्कूलों के लगभग 1 लाख छात्रों को भी मुफ्त साइकिल दी जा सकती है। अगर यह प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो साइकिल पाने वाले छात्रों की संख्या 5 लाख से ज्यादा हो जाएगी।
साइकिल की कीमत और संभावित बदलाव
वर्तमान में प्रत्येक साइकिल की कीमत ₹4,130 तय की गई है। इस हिसाब से 5 लाख साइकिलों की खरीद पर ₹206.50 करोड़ खर्च होंगे। हालांकि, यह दर तीन साल पुरानी है, इसलिए सरकार कीमतों को संशोधित कर सकती है।
सामान्य वर्ग के छात्रों को भी साइकिल देने की योजना
अब तक, यह योजना अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों तक सीमित थी। लेकिन इस बार शिक्षा विभाग सामान्य वर्ग के छात्रों को भी समान दर पर साइकिल देने की तैयारी कर रहा है।
किताबों का भी समय पर वितरण होगा
कोरोना महामारी के बाद पहली बार झारखंड के सरकारी स्कूलों का शैक्षणिक सत्र (Academic session of Government Schools) समय पर शुरू होगा। 1 अप्रैल से स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इस बार छात्रों को किताबें भी देरी से नहीं मिलेंगी।
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (JEPC) ने पहले ही किताबों की छपाई के लिए टेंडर जारी कर दिया है। सरकार का इरादा यह सुनिश्चित करना है कि सभी छात्रों को अप्रैल में ही किताबें मिल जाएं। शिक्षा विभाग का मानना है कि समय पर किताबें मिलने से पढ़ाई की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।
क्या बोले अधिकारी
स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर, झारखंड शिक्षा परियोजना, शशि रंजन ने कहा –हमने किताबों की छपाई का टेंडर जारी कर दिया है। हमारा लक्ष्य है कि अप्रैल में ही छात्रों के हाथ में किताबें हों। इस बार देरी नहीं होने दी जाएगी।