पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के परिवार की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। नौकरी के बदले जमीन लेने के घोटाले को लेकर दिल्ली की रॉउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने CBI की ओर से दाखिल चार्जशीट (Charge Sheet) पर संज्ञान लिया है।
कोर्ट ने मामले में आरोपी पूर्व रेल मंत्री लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी (Rabri Devi) उनकी बेटी मीसा भारती समेत अन्य को सोमवार (27 फरवरी) को समन जारी किया है।
CBI द्वारा उनके खिलाफ दायर चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों को समन भेजकर 15 मार्च को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।
बता दें कि यह मामला लालू प्रसाद के परिवार को तोहफे में या बेची गयी जमीन के बदले में रेलवे में कथित तौर पर नौकरी दिए जाने से संबंधित है। यह मामला तब का है, जब लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 के बीच रेलवे मंत्री थे।
आरोपियों को कोर्ट में पेश होने के लिए समन भेजा गया
दिल्ली राऊज एवेन्यू कोर्ट (Delhi Rouse Avenue Court) की विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने नौकरी के बदले जमीन से जुड़े कथित घोटाले के आरोपियों को 15 मार्च को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है।
न्यायाधीश ने कहा, ‘आरोपपत्र, रिकॉर्ड में उपलब्ध दस्तावेजों और सामग्री की जांच करने पर प्रथम दृष्टया यह दिखता है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 120B, धारा 420, 467, 468 और 471 तथा भ्रष्टाचार (Corruption) रोकथाम कानून की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध किया गया।
परिणामस्वरूप, इन अपराधों पर संज्ञान लिया गया है और आरोपियों को कोर्ट में पेश होने के लिए समन भेजा गया है।’
नौकरी लगवाने के बदले आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए थे
नौकरी के बदले जमीन लेने के घोटाले को लेकर CBI ने चार्जशीट दाखिल किया था। CBI की Charge Sheet के मुताबिक 2004 से 2009 के बीच ये घोटाला हुआ था, लालू प्रसाद यादव इस दौरान UPA सरकार में रेल मंत्री थे।
आरोप है कि लालू के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में ये भर्ती घोटाला हुआ था। रेलवे में नौकरी लगवाने के बदले आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए थे। अपनी Charge Sheet में CBI ने लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती समेत कुल 16 लोगों आरोपी बनाया है।
CBI की Charge Sheet के आधार पर कोर्ट ने समन भेज दिया है। उस चार्जशीट पर जिसमें में CBI ने लालू एंड फैमिली पर बेहद ही गंभीर आरोप लगाए हैं।
रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले ली थी जमीन
आरोप है कि लैंड फॉर जॉब घोटाले (Land for Job Scam) में आवेदकों से जो जमीनें ली गईं वो राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर भी ली गईं थीं।
CBI ने जांच के दौरान ये पाया कि आरोपियों ने मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और केंद्रीय रेलवे के सीपीओ के साथ साजिश रचकर जमीन के बदले में अपने या अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर लोगों को नौकरी दिलाया था।
यह जमीन उस समय के सर्किल रेट से कम और बाजार दर से काफी कम कीमत पर ली गई थी। CBI के मुताबिक 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद ने उम्मीदवारों से रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप डी के पदों पर नौकरी दिलाने के बदले अपनी फैमिली के मेंबर्स के नाम पर जमीन ली थी।
पटना के रहने वाले कई लोगों ने खुद या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से लालू प्रसाद की फैमिली के मेंबर्स और उनके परिवार के कंट्रोल वाली एक प्राइवेट कंपनी को अपनी जमीन बेची थी।
लालू यादव की फैमिली ने 1 लाख 5 हजार 292 वर्ग फुट की ली है जमीन
CBI का कहना है कि जमीन के बदले नौकरी घोटाले को अंजाम देने के लिए बेहद ही शातिराना तरीका अपनाया गया।
रेलवे में भर्ती के लिए विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था और पटना के रहने वाले कई लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर के जोनल रेलवे में सब्स्टिटूट के तौर पर नौकरी दे दी गई।
CBI के मुताबिक इस मामले में सिर्फ पटना में ही लालू यादव की फैमिली ने 1 लाख 5 हजार 292 वर्ग फुट जमीन हासिल किया था। सबसे बड़ा आरोप यही उनपर है कि लालू यादव सबके नौकरी के बदले सबसे जमींन लिया करते है।