पटना: Bihar की राजनीति में लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) एक ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने सियासत में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
आज Lalu Prasad Yadav का जन्मदिन है। 11 जून 1948 को बिहार के गोपालगंज (Gopalganj) में जन्मे लालू प्रसाद यादव आज अपना 76 वां जन्मदिन (76th Birthday) मना रहे हैं।
आज हम आपको बताएंगे कि कैसे गरीबी से जूझ कर भैंस और मवेशी चराने वाले Lalu Prasad Yadav संघर्ष के दम पर सियासत के शहंशाह बने।
लालू प्रसाद यादव ने आत्मकथा “गोपालगंज टू रायसिना” में सभी पहलुओं का किया जिक्र
बेहद गरीब परिवार में जन्मे लालू प्रसाद यादव ने अपनी आत्मकथा “गोपालगंज टू रायसिना” (Gopalganj to Raisina) में उन सभी पहलुओं का जिक्र किया है जिनसे होकर वो आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं कि उनका नाम ही काफी है।
लालू यादव के पिता का नाम कुंदन राय और मां का नाम मरछिया देवी था।
आपातकाल के खिलाफ आंदोलन
लालू यादव पटना यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (Patna University Students Union) के महासचिव बने और इसके बाद उनका सियासी सफर शुरू हो गया।
लोकनायक जयप्रकाश नारायण (Loknayak Jayaprakash Narayan) ने जब आपातकाल के खिलाफ आंदोलन शुरू किया, तो लालू प्रसाद यादव उस आंदोलन का हिस्सा रहे और यहीं से राजनीति की बुलंदी का सफर शुरू हो गया।
जेपी आंदोलन से जुड़कर लालू प्रसाद यादव पहली बार जेल गए।
1977 में पहली बार मिला टिकट
लालू यादव और राबड़ी देवी की शादी 1973 में हुई थी और 1976 में लालू यादव की बड़ी बेटी मीशा भारती का जन्म हुआ।
जब मीशा का जन्म हुआ तो लालू यादव जेल में थे।
खास बात तो यह है कि लालू यादव को मिसा एक्ट के तहत ही गिरफ्तार किया गया था और उन्होंने अपनी बेटी का नाम भी मीशा रखा।
केवल 29 साल की उम्र में ही लालू प्रसाद यादव सांसद बन गए थे। 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर उन्होंने चुनाव लड़ा था।
लालकृष्ण आडवाणी को कराया था गिरफ्तार
लालू यादव ने लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) को गिरफ्तार करवाया था।
बात साल 1990 की है जब देश में अयोध्या राम मंदिर का मुद्दा काफी जोर-शोर से चल रहा था, BJP के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने रथयात्रा निकाली और जब यह रथयात्रा बिहार पहुंची तो लालू प्रसाद यादव ने यात्रा रोकने के लिए समस्तीपुर में उन्हें गिरफ्तार करवा लिया।
1990 में बने पहली बार मुख्यमंत्री
लालू प्रसाद यादव पहली बार साल 1990 में बिहार के मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए।
हालांकि लालू यादव पर भी कई इल्जाम लगे और उन्हें जेल भी हुई। लालू यादव पर अब भी कई मामले चल रहे हैं।
बता दें कि 1997 में उन्होंने चारा घोटाले (Fodder Scam) के आरोप के कारण मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दिया था।
जनता दल से अलग होने के बाद उन्होंने 1997 में राष्ट्रीय जनता दल पार्टी (RJD) का गठन किया।
रेल मंत्री बने तो विदेशों में भी बजा डंका
लालू यादव ने रेल मंत्रालय भी संभाला और उनके कार्य शैली के कारण विदेशों में भी भारतीय रेल का डंका बजने लगा।
लालू यादव के प्रबंधन कौशल का लोग लोहा मानने लगे और भारतीय रेलवे (Indian Railways) को एक अलग पहचान मिली थी।
लालू यादव के कार्यकाल में रेलवे को काफी अधिक लाभ भी पहुंचा।
कई घोटालों में लालू प्रसाद यादव का नाम जुड़ा
लालू प्रसाद यादव का नाम कई घोटालों में जुड़ा जिनमें चारा घोटाला (Fodder Scam) और लैंड फॉर जॉब स्कैम (Land For Job Scam) शामिल है।
मगर इन सब के इतर, लालू प्रसाद यादव की मिमिक्री और कॉमेडी सबका दिल जीत लेती है।
लालू यादव का कॉमन सेंस और हाजिर जवाबी कमाल की है।
गंभीर से गंभीर विषयों पर भी साफ-सुथरे और सीधे तरीके से अपनी बात रखने की कला लालू यादव में कूट-कूट कर भरी है।
परिवार के साथ काटा 76वां बर्थडे केक
लालू प्रसाद यादव देर रात अपने परिवार के सदस्यों के साथ केक काटा।
लालू यादव की लाडली बेटी रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) भी सिंगापुर (Singapore) से पटना पहुंची।
रोहिणी ने अपने पिता के जन्मदिन पर बधाई देते हुए कई तस्वीरें शेयर की है। बेटे तेजस्वी और तेजप्रताप ने भी अपने पिता को जन्मदिन की बधाई दी।
राबड़ी आवास में आज का होगा आयोजन और कटेगा 76 पाउंड का केक
लालू प्रसाद के 76 वें जन्मदिन के अवसर पर पटना स्थित 10 सर्कुलर रोड (Circular Road) आवास पर 76 पाउंड का केक काटा जाने वाला है।
इस अवसर पर कार्यकर्ताओं के लिए भोज का आयोजन होगा और इसे “सामाजिक न्याय एवं सद्भावना दिवस” के रूप में मनाने का निर्देश दिया गया है।
गरीबों के साथ से भोज का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया है साथ ही अस्पताल में मरीजों के बीच फल वितरण किया जाएगा।