रांची: झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत के समक्ष लालू की जमानत के लिये पैरवी की। वहीं सीबीआई के अधिवक्ता ने अदालत से काउंटर एफिडेविट दायर करने के लिए तीन दिन का समय मांगा।
जिसपर बचाव पक्ष के अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कड़ा विरोध किया, जिसके बाद अदालत ने सीबीआइ को तीन दिन का समय देते हुए एफिडेविट दायर करने का निर्देश दिया है।
इस मामले की सुनवाई के लिए 16 अप्रैल की तिथि निर्धारित की गई है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अपरेश कुमार सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस मामले की सुनवाई की।
उल्लेखनीय है कि दुमका कोषागार से जुड़े मामले में लालू यादव ने जमानत याचिका दाखिल किया था।
मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू को सात साल की सजा दी है। लालू ने अपने अधिवक्ता देवर्षि मंडल के माध्यम से हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल किया था।
हाईकोर्ट में लालू की जमानत याचिका की पैरवी कर रहे अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने बताया कि नौ अप्रैल को लालू की सजा की आधी अवधि पूरी हो रही है। इसलिए इसी दिन जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए से आग्रह किया गया था।
लालू को चारा घोटाला के चार मामले देवघर के एक, चाईबासा के दो, दुमका के एक मामले में निचली अदालत से सजा दी गई है जिसमें तीन मामले में उन्हें जमानत मिल चुकी है।
यह चौथा मामला है जिसमें जमानत मिलते ही वह जेल से रिहा हो जाएंगे।
फिलहाल लालू प्रसाद का इलाज दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में चल रहा है। अदालत में बीते 19 फरवरी को मामले की सुनवाई हुई थी।
अदालत ने लालू के जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि लालू ने दुमका कोषागार मामले में आधी सजा भी पूरी नहीं की है।