Lalu’s daughter Rohini: बिहार में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में सारण सीट का मुकाबला दिलचस्प हो गया है। ऐसा इसलिए, क्योंकि राजद सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) की छोटी बेटी रोहिणी आचार्या की यहां एंट्री की खबर है।
रोहिणी इस सीट से इंडिया गठबंधन (India Alliance) की साझा उम्मीदवार हो सकती हैं। इस बात की जानकारी लालू परिवार के बेहद करीबी और राजद MLC सुनील सिंह ने छपरा के RJD कार्यालय में दी है। हालांकि अधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा नहीं हुई है।
याद दिला दें कि ने भाजपा राजीव प्रताप रूडी को छपरा (सारण) सीट से उम्मीदवार बनाया है। अगर रोहिणी इस सीट से चुनाव लड़ती हैं तो दोनों के बीच कड़ा मुकाबला होगा।
मालूम रोहिणी कभी किसी राजनीतिक कार्यक्रम में भी शामिल नहीं होती थी. लेकिन जन विश्वास महारैली के मंच पर रोहिणी आचार्य लालू परिवार के साथ नजर आई थीं।
इतना ही नहीं, लालू ने रोहिणी का मंच से परिचय भी कराया था। साथ ही उन्होंने अपनी बेटी की तारीफों के पुल भी बांधे थे।
वर्तमान में सारण सीट पर भाजपा का बोलबाला
गौरतलब है कि सारण पहले छपरा लोकसभा के नाम से जाना जाता था। 2008 में परिसीमन के बाद सारण संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का गठन हुआ।
इसके बाद साल 2009 में सारण लोकसभा क्षेत्र में पहली बार चुनाव हुआ। इस सीट पर RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव को जीत मिली थी। लालू यादव ने BJP के राजीव प्रताप रूडी को मात दी थी।
इसके बाद 2014 में राजीव प्रताप रूडी ने Lalu Yadav की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को हराया। इसके बाद 2019 में राजीव प्रताप रूडी ने RJD के चंद्रिका प्रसाद राय को हराया है। वर्तमान में वह यहां के सांसद हैं।
अगर इस सीट के और पुराने इतिहास पर जाएं तो 1977 में लालू ने जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। छपरा लोकसभा क्षेत्र के रूप मे सबसे पहले 1957 में चुनाव हुआ था। तब प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के राजेंद्र सिंह ने चुनाव जीता था।
इसके बाद कांग्रेस पार्टी के रामशेखर प्रसाद सिंह ने लगातार तीन बार (1962, 1967 और 1971) जीत दर्ज की। 1977 में लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने जनता पार्टी की टिकट पर जीत दर्ज की। इसके बाद जनता पार्टी के टिकट से 1980 में सत्यदेव सिंह और 1984 में रामबहादुर सिंह को जीत मिली।
जनता दल ने 1989 में फिर लालू यादव को टिकट दिया और उन्होंने चुनाव जीता। 1990 में लालू के PM बनने के बाद 1991 में फिर चुनाव हुआ, जिसमें जनता दल की टिकट पर लाल बाबू राय ने चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।
इसके बाद 1996 में हुए चुनाव में BJP का खाता खुला। राजीव प्रताप रूडी ने जीत दर्ज की। लालू प्रसाद यादव ने 5 जुलाई 1997 को जनता दल से अलग होकर RJD का गठन किया। 1998 में आरजेडी के टिकट पर हीरा लाल राय को जीत मिली। 1999 में फिर बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी सांसद बने थे।