CEO स्तर पर होगा जमीन जमाबंदी के विवादों का समाधान: हेमंत सोरेन

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रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र (Jharkhand Assembly Budget Session) के पांचवें दिन शुक्रवार को सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कहा कि अवैध जमीन जमाबंदी मामले (Illegal Land Confiscation Cases) पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है।

उन्होंने कहा कि जब जमीन की अवैध जमाबंदी हो (Illegal Land Confiscation) जाती है तो उसे सीधे तौर पर रद्द नहीं किया जाता है। इस मामले की जांच सीओ स्तर से शुरू होकर डीसी, कमिश्नर के माध्यम से सरकार तक आती है।

अवैध जमीन जमाबंदी के विवादों का समाधान CEO स्तर पर कराया जाएगा

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में 15,490 केस का निष्पादन हुआ है। जहां तक कैंप लगाने की बात है तो विभिन्न योजनाओं के लिए सरकार कैंप लगाती है।

सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत दो बार के कैंप में एक करोड़ से अधिक आवेदन आये हैं, जिसमें अवैध जमीन जमाबंदी के लाखों मामले सामने आए हैं। सरकार ने निर्णय लिया है कि अवैध जमीन जमाबंदी (Illegal Land Acquisition) के विवादों का समाधान CEO स्तर पर कराया जाएगा।

पूरे राज्य में कम से कम एक करोड मामले लंबित

अभी पूरे राज्य में ऐसे कम से कम एक करोड मामले लंबित हैं। मेरे कार्यकाल में लाखों मामलों का निबटारा हुआ है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नीलकंठ सिंह मुंडा के सवाल पर यह जवाब दिया।

दरअसल, नीलकंठ सिंह मुंडा (Neelkanth Singh Munda) ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि क्या यह बात सही है कि राज्य में अवैध जमाबंदी के 1.75 लाख मामले लंबित हैं। सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही से 3.62 लाख एकड़ से अधिक जमीन की अवैध जमाबंदी की जा चुकी है। इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने जवाब दिया।