Lashkar behind Pahalgam attack. :जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को बैसरन घास के मैदान में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया। इस हमले में 26 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें दो विदेशी नागरिक और दो स्थानीय लोग शामिल हैं।
20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF), जिसे लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा माना जाता है, ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, 4-6 आतंकियों ने, जो कथित तौर पर सेना या पुलिस की वर्दी में थे, पर्यटकों से उनके नाम और धर्म पूछकर अंधाधुंध गोलीबारी की।
एक चश्मदीद ने बताया कि आतंकियों ने हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया और कुछ से जबरन कलमा पढ़वाने की कोशिश की। इस हमले ने 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक आतंकी हमले की याद दिला दी।
TRF का गठन 2019 में हुआ, जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया। गृह मंत्रालय के अनुसार, यह लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी संगठन है, जिसे पाकिस्तान की ISI और सेना ने लश्कर व जैश-ए-मोहम्मद को कवर देने के लिए बनाया। TRF का सरगना शेख सज्जाद गुल, जिसे हाफिज सईद का करीबी माना जाता है, पाकिस्तान से हमलों की साजिश रचता है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उस पर 10 लाख रुपये का इनाम रखा है।
TRF शुरू में ऑनलाइन प्रचार तक सीमित था, लेकिन अब यह टारगेट किलिंग में सक्रिय है। 2022 की जम्मू-कश्मीर पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, 90 से अधिक ऑपरेशनों में 172 आतंकी मारे गए, जिनमें 108 TRF या लश्कर से जुड़े थे।
संगठन गैर-कश्मीरी मजदूरों, कश्मीरी पंडितों, और सिखों को निशाना बनाता है, ताकि 1990 के दशक जैसा आतंक का माहौल बनाए। इसका अंग्रेजी नाम स्थानीय संगठन का भ्रम पैदा करने के लिए चुना गया, ताकि पाकिस्तान का नाम सीधे न आए।
पहलगाम हमले में TRF ने पर्यटकों को निशाना बनाकर अमरनाथ यात्रा से पहले भय फैलाने की कोशिश की। प्रत्यक्षदर्शी पल्लवी, जिनके पति मंजूनाथ की हत्या हुई, ने बताया कि आतंकियों ने उनसे कहा, “जाओ, मोदी को बता देना।” भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी शहीद हुए, जो हनीमून के लिए पहलगाम आए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की निंदा करते हुए कहा, “दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। आतंकवाद के खिलाफ हमारा संकल्प और मजबूत होगा।” गृह मंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंचकर उच्च स्तरीय बैठक कर चुके हैं, जिसमें NIA की जांच और सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया गया। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे “अमानवीय” करार दिया।
सुरक्षा बलों ने विक्टर फोर्स, स्पेशल फोर्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस, और CRPF के साथ सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। बैसरन की दुर्गम पहाड़ियों और गैर-मोटरेबल रास्तों के कारण चुनौतियां हैं, लेकिन हेलीकॉप्टर से निगरानी की जा रही है। अनंतनाग प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर (0194-2457543, 0194-2483651) जारी किए हैं।