नई दिल्ली: प्रीमियम हैचबैक सुचुकी को लेटिन एनसीएपी क्रैश टेस्ट में जीरो स्टार रेटिंग मिली है। यह इस कार को खरीद चुके और खरीदने की प्लानिंग कर रहे ग्राहकों लिए एक तगड़ा झटका है।
बलेनो भारत के प्रीमियम हैचबैक सेगमेंट की बेस्ट सेलिंग कार है और ऐसे में इसका लैटिन एनसीएपी में निराशाजनक प्रदर्शन निराशाजनक माना जा रहा है।
भारत में बनने वाली बलेनो स्टैंडर्ड दो एयरबैग्स के साथ आती है। भारत में बनने वाली बलेनो को लैटिन एनसीएपी टेस्टिंग के दौरान अडल्ट ऑक्युपैंट बॉक्स में 20.03 प्रतिशत, चाइल्ड ऑक्युपैंट बॉक्स में 17.06 प्रतिशत, पेडेस्ट्रियन प्रोटेक्शन में 64.06 प्रतिशत और सेफ्टी असिस्ट बॉक्स में 6.98 प्रतिशत अंक मिले।
कार ने साइड इंपैक्ट प्रोटेक्शन में भी खराब परफॉर्म किया और इसे रियर इंपैक्ट टेस्ट में यूएन32 प्रूफ की कमी के कारण भी बेहद कम अंक मिले।
कार में स्टैंडर्ड साइड हेड प्रोटेक्शन के साथ स्टैंडर्ड ईएससी भी नहीं थे और मारुति सुजुकी ने टेस्ट के लिए सीआरएस यानी चाइल्ड रीस्ट्रेंट सिस्टम को भी रेकमंड नहीं किया था।
इसी वजह से कार को एनसीएपी टेस्ट में इतना कम स्कोर मिला। यूरोप में बिकने वाली बलेनो की बात करें तो इसमें 6 एयरबैग और ईएससी स्टैंडर्ड वेरियंट में ही मिल जाते हैं।
वहीं, लैटिन अमेरिका में इस कार को कंपनी ईएससी और बिना कर्टेन (साइड-बॉडी) एयरबैग्स के ऑफर करती है। सुजुकी ने ऑप्शनल इक्विपमेंट की टेस्टिंग से मना कर दिया था।
इससे कार के एक्स्ट्रा सेफ्टी एलिमेंट्स पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। लैटिन एनसीएपी के चेयरमैन स्टीफन ब्राड्जिआक ने कहा सुजुकी की तरफ से एक और जीरो स्टार कार को देखना दुर्भाग्यपूर्ण है, इस मामले में बलेनो मॉडल, जिसे कुछ देशों में गुड, नाइस, बलेनो बताकर प्रमोट किया जाता है, उसमें अब हमें लो सेफ्टी को भी शामिल कर लेना चाहिए।
इसी तरह लैटिन एनसीएपी के सेक्रेटरी जनरल अलेजांड्रो फ्यूरस ने कहा इस कार का जीरो स्टार लाना कुछ हफ्तों पहले स्विफ्ट के निराशाजनक जीरो स्टार रेटिंग परफॉर्मेंस का ही एक हिस्सा है।