Firing Outside Salman Khan House : जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Gangster Lawrence Bishnoi) के भाई अनमोल बिश्नोई (Anmol Bishnoi) ने Bollywood एक्टर सलमान खान (Salman Khan) के घर के बाहर हुई फायरिंग (Firing) की जिम्मेदारी ली है।
उसने Facebook पर एक पोस्ट के जरिए खुद यह बात स्वीकार की।
अब मुंबई पुलिस (Mumbai Police) सलमान खान के घर पर गोलीबारी को लेकर उससे पूछताछ करने की तैयारी में है।
बता दें कि अनमोल बिश्नोई राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की ओर से आतंकवादी-गैंगस्टर लिंक मामलों में Wanted है।
जांच एजेंसी ने विदेश से जबरन वसूली गतिविधियों को अंजाम देने को लेकर भी उसे नामित किया है।
इस बीच, अधिकारियों का कहना है कि Lawrence Bishnoi जेल में रहने के बावजूद आपराधिक गतिविधियों में शामिल है। यह जानना भी दिलचस्प है कि उसने बेल के लिए कभी गुहार नहीं लगाई है।
NIAऔर कई राज्यों की पुलिस अब तक जबरन वसूली और टारगेटेड किलिंग (Targeted Killing) को लेकर लॉरेंस बिश्नोई से पूछताछ कर चुकी है।
एजेंसी ने उसके और दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) के बीच तुलना की और इसे चार्जशीट में दर्ज किया गया।
कुख्यात गैंगस्टर बन गया है दाऊद इब्राहिम
जांच एजेंसी के अनुसार, दाऊद इब्राहिम की तरह लॉरेंस भी कुख्यात Gangster बन गया।
वह आतंकवादी संगठनों की मदद करने लगा। उसका टेरर सिंडिकेट लगातार टारगेटेड किलिंग्स, जबरन वसूली और हत्या के प्रयास से उत्तर भारत में लॉ एंड ऑर्डर को चुनौती देने लगा।
अब सलमान खान के घर पर फायरिंग को लेकर उसकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
गिरफ्तार दो संदिग्धों से हुई है लंबी पूछताछ
सलमान खान के घर पर फारयिंग को लेकर जांच में जुड़े अधिकारियों ने कुछ अहम जानकारियां दीं।
उन्होंने बताया कि गोलीबारी मामले में गिरफ्तार किए गए 2 लोगों से लंबी पूछताछ हुई। इससे पता चला कि फायरिंग के तुरंत बाद उनके हैंडलर ने उन्हें शहर छोड़ने का निर्देश दिया था।
इन दोनों के अनुसार, हैंडलर ने उन्हें यह भी कहा कि वे अपने गृह राज्य वापस न जाएं। साथ ही, ऐसे किसी भी राज्य में वे न लौटें जहां पुलिस लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्यों की जांच कर रही हो।
अधिकारी ने कहा, ‘हैंडलर ने उन्हें कहा कि वे किसी भी होटल या लॉज में कमरा बुक न करें। इससे वे वहां के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो सकते हैं।
इन दोनों को पूजा के किसी स्थान को विकल्प के तौर पर चुनने के लिए कहा गया था। इस बात को मानते हुए वे भुज के एक मंदिर में रुके थे।’