दो दशक प्रक्रिया चलने के बाद लाए गए कृषि सुधार से जुड़े कानून : तोमर

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नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि करीब दो दशक तक लंबी प्रक्रिया चलने के बाद कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए नए कानून बनाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि देश के छोटे और मध्यम श्रेणी के किसानों की आय बढ़ाकर उनको सशक्त बनाने के लिए कृषि क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सरकार ने इस दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए हैं।

केंद्रीय मंत्री तोमर यहां वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए कान्फेडरेशन ऑफ एनजीओस ऑफ रूरल इंडिया (सीएनआरआई) के राष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि देश में विगत दशकों में अलग-अलग क्षेत्रों में तो सुधार हुए, लेकिन कृषि के क्षेत्र में सुधार करके छोटे और मझौले किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें सशक्त बनाने की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी।

तोमर ने कहा, करीब दो दशक तक चली लंबी प्रक्रिया के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि क्षेत्र में ये ऐतिहासिक क्रांतिकारी बदलाव किए हैं।

इन कृषि सुधारों से देश के छोटे और मझौले किसानों के जीवन में बड़े सकारात्मक बदलाव आएंगे।

किसान बिल : उदारवादी कृषि के माध्यम से ग्राम स्वराज विषय पर आयोजित सम्मलेन में केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, कृषि क्षेत्र के रिफॉर्म्स की अनुशंसाएं कई आयोगों ने अपनी रिपोट में की हैं।

देश के कई कृषि विशेषज्ञों, राज्यों के मुख्यमंत्रियों-मंत्रियों की समिति में इन सुधारों की संस्तुति हुई है।

तोमर ने कहा कि अंतर्राज्यीय व्यापार बढ़ाने और किसानों के लिए वैधानिक ढांचे के माध्यम से बाजार का विस्तार करने की आवश्यकता लगातार महसूस की जा रही थी।

उन्होंने कहा कि मंडियों के बाहर भी किसानों के लिए एक वैकल्पिक बाजार उपलब्ध कराना समसामयिक हो गया है, जिसकी मांग पूरी करते हुए व किसानों की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से ये ऐतिहासिक उपाय किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि देश में 10,000 नए एफपीओ बनाने की योजना शुरू की गई है।

इन एफपीओ पर सरकार एक साल में 6850 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च करेगी।

इसके अलावा, फार्म गेट इंफ्रास्ट्रक्च र के विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपये का कृषि अवंसरचना कोष बनाया गया है।

कार्यक्रम में सीएनआरआई के वरिष्ठ पदाधिकारी रघुपति सिंह, डॉ. एच.बी. सिंह, डॉ. अमिताभ कुंडु, आर.जी. अग्रवाल, डॉ. एच.पी. सिंह, बिनोद आनंद एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।