गढ़वा: तेंदुए (Leopard) के आतंक से आजाद कराने शूटर शफत अली खान (Shooter Shafat Ali Khan) बुधवार को गढ़वा पहुंच गए हैं। रात में वह गढ़वा में विश्राम करेंगे।
शूटर शफत अली खान ने कहा कि हमें तेंदुए की तरह सोचना होगा। तेंदुआ रात में Active रहता है। सुबह आराम करता है। हमें रात में ही उसकी तलाश करनी होगी।
उन्होंने कहा कि तेंदुआ किस रास्ते से आ जा रहा है, उस रास्ते की पहचान करनी होगी। मैं अपनी टीम के साथ आया हूं। मेरी विशेष गाड़ी है जो इस काम में हमारी मदद करती है।
हमारी टीम इस तरह के मामले में Expert है। हमने कई राज्यों में आदमखोर जानवरों से लोगों को बचाया है। हमें पूरी उम्मीद है कि हम इस अभियान में सफल होंगे।
शूटर शफत अली खान को सुबह वन अधिकारी के शशि कुमार उन्हें भंडरिया प्रखंड के बिंदा गांव ले जाएंगे, जहां तेंदुए को अंतिम बार देखा गया है। इसी इलाके में वन विभाग के अधिकारियों ने पिंजरा और कैमरा लगा रखा है।
एक ऑपरेशन के दौरान उन्होंने 17,400 सुअर मारे
वन अधिकारी शशि कुमार ने बताया कि शफत अली समाज कल्याण (Social Welfare) के लिए काम करते हैं। इस तरह के काम के लिए वे कोई पैसे चार्ज नहीं करते। वन संरक्षक अधिकारी ने बताया कि तेंदुआ पर नजर रखने के लिए 10 टीम लगाई गई हैं। प्रत्येक टीम में 10-10 सदस्यों को शामिल किया गया है।
उल्लेखनीय है कि शूटर शफत अली खान की पहचान इस तरह के आमदखोर जानवर को मार गिराने के लिए है।
उन्होंने दावा किया है कि ग्वालियर में एक ऑपरेशन के दौरान उन्होंने 17,400 सुअर (PIG) मारे हैं। इसके अलावा बिहार में 7,000 जंगली सुअरों को मार चुके हैं। शफत अली के साथ मेरठ से तीन अन्य पिंजरा भी पहुंच गया है।