न्यूज़ अरोमा रांची: प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के पंद्रह लाख के इनामी जीदन गुड़िया के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद झारखंड के डीजीपी एमवी राव ने पीएलएफआई के सभी उग्रवादियों को आत्मसमर्पण करने की चेतावनी दी है।
उन्होंने कहा कि कि उग्रवादी हथियार डाल दें नहीं तो वह भी जीदन की तरह मारे जाएंगे।
सोमवार को डीजीपी पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। राव ने बताया कि वह पीएलएफआई को उग्रवादी संगठन नहीं मानते हैं।
पीएलएफआई एक आपराधिक संगठन है, जो अपराधियों की तरह ही वारदात को अंजाम देता है।
डीजीपी ने बताया कि बीते 10 दिसंबर को ही जिदन गुड़िया पर इनाम की घोषणा से संबंधित पोस्टर को गांव-गांव में जारी किया गया था। इसका फायदा मिला और हमें बेहद गुप्त रूप से जिदन के बारे में जानकारी मिली।
जिसके बाद सुरक्षाबलों और पुलिस टीम ने उसके तलाश में सर्च अभियान चलाया।
पुलिस को देखते ही जिदन और उसके साथियों ने फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षा बलों और पुलिस की जवाबी फायरिंग में जीदन गुड़िया मारा गया। डीजीपी ने बताया कि खूंटी पुलिस और सीआरपीएफ बेहतर कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि इनाम की राशि को मुठभेड़ में शामिल जवानों और अधिकारियों के बीच बांटा जाएगा। उल्लेखनीय है कि पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के बाद संगठन में जिदन गुड़िया का दूसरा स्थान था।
वह खूंटी, रांची, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा, हजारीबाग, चाईबासा जिले में आतंक का पर्याय था।
जिदन पर हत्या, अपहरण, लेवी, रंगदारी के कई मामले दर्ज थे। खूंटी जिले के मुरहू थाना क्षेत्र में सोमवार की सुबह पुलिस के साथ मुठभेड़ में पीएलएफआई का 15 लाख का इनामी जोनल कमांडर जिदन गुड़िया मारा गया। पुलिस ने घटनास्थल से एक एके-47 रायफल और गोलियों समेत कई सामान बरामद किये हैं। इलाके में सर्च अभिजारी है।