Hair is not cut in the month of Sawan : देवों के देव महादेव का प्रिय और पावन सावन (Sawan ) का महीना चल रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में सच्ची श्रद्धा से भोलेनाथ (Bholenath) की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को मनचाहे फल की प्राप्ति होती है।
हिंदू धर्म में सावन के महीने को बेहद ही अधिक पवित्र माना जाता है। इसी कारण सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना के लिए उनके भक्त कई चीजों का त्याग भी कर देते हैं। इस पवित्र महीने में भक्त मांस, मदिरा एवं अन्य सभी नशीले पदार्थों का सेवन बंद कर देते हैं।
इसके अलावा भी धार्मिक मान्यता है कि सावन के महीने में बाल, दाढ़ी और नाखून नहीं कटवाए जाते हैं। और इसी कारण लोग सावन के पूरे महीने में बाल और दाढ़ी नहीं कटवाते हैं। लेकिन अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता है। तो आपको बताते चले इसके पीछे धार्मिक कारण तो है ही साथ ही वैज्ञानिक कारण भी होता है।
क्या है सावन में बाल और दाढ़ी ना बनाने का धार्मिक कारण ?
धार्मिक मान्याताओं के अनुसार अगर कोई व्यक्ति सावन महीने में व्रत रखता है, तो उसे कुछ कामों को करने से बचना चाहिए। इन कामों में से एक बाल कटवाना और दाढ़ी बनवाना भी है।
मान्याताओं के अनुसार अगर सावन के महीने में बाल और दाढ़ी बनवाई जाती है, तो इससे ग्रह दोष लगता है। इतना ही नहीं इस महीने में नाखून काटने और शरीर पर तेल की मालिश करने से भी ग्रह दोष लगता है।
अब जानिए वैज्ञानिक कारण
जहां एक ओर सावन के महीने में बाल और दाढ़ी न कटवाने के धार्मिक कारण हैं, वहीं इसका एक वैज्ञानिक कारण भी है। दरअसल पुराने समय में आज के समय की तरह कैंची और अन्य शेविंग के सामानों का इजाद नहीं हुआ था। उस स्थिति में लोगों को बिना इनके ही तेज धार लोहे के औजारों से बाल और दाढ़ी बनाना पड़ता था।
अब चूंकि सावन के महीने में बारिश (Rain) बहुत ज्यादा होती है और इसके चलते इस महीने में Infection का खतरा भी ज्यादा रहता है।
ऐसी स्थिति में लोहे के औजारों से बाल और दाढ़ी कटवाने के दौरान कट जाता था और बारिश के चलते उसमें जल्द ही Infection हो जाता था। इसलिए धीरे-धीरे लोगों ने सावन के महीने में बाल और दाढ़ी कटवाना बंद कर दिया और यह प्रथा तभी से चली आ रही है।