Those Who eat before 9 pm Have Less Risk of Cancer.: बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ (Barcelona Institute for Global Health) के एक अध्ययन के मुताबिक जो लोग नियमित रूप से रात 9 बजे से पहले खा लेते हैं और खाने और सोने के बीच दो घंटे का अंतराल रखते हैं, उनमें ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा 20 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता के अनुसार अध्ययन का निष्कर्ष डाइट और कैंसर पर अध्ययन में सर्कैडियन रिद्म के महत्व को उजागर करता है।
सर्कैडियन रिद्म जागने के चक्र को कहा जाता है। इस अध्ययन को इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कैंसर में प्रकाशित किया गया है। हेल्थलाइनकी खबर के मुताबिक शोधकर्ताओं ने Prostate Cancer वाले 621 प्रतिभागियों और स्तन कैंसर वाले 1,205 प्रतिभागियों के डेटा का विश्लेषण किया।
इसके अलावा उन्होंने 872 पुरुषों और 1,321 महिलाओं के ऐसे समूहों के आंकड़ों का भी विश्लेषण किया जो रात में काम नहीं करते थे। शोधकर्ताओं ने संभावित कैंसर का विश्लेषण करने के लिए खाने और सोने की आदतों और अन्य कैंसर जोखिम कारकों के बारे में आमने-सामने साक्षात्कार आयोजित किए।
अध्ययन में लगभग सभी ने नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का खाना खाने की सूचना दी। लगभग एक तिहाई लोगों ने दोपहर का नाश्ता किया, और 7 प्रतिशत ने रात के खाने के बाद नाश्ता किया। विश्लेषण के बाद पाया गया कि जो लोग रात के खाने और सोने के बीच में कम से कम दो घंटे इंतजार करते थे, उनमें स्तन और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा 20 प्रतिशत कम हो गया था। इसके अलावा रात 9 बजे से पहले खाना खाने वालों में भी इसी तरह का कम जोखिम पाया गया।
वहीं जिन लोगों को पहले से कैंसर था, उनमें से अधिकांश ने रात नौ बजे के बाद खाना खाया। यानी रात 9 बजे के बाद भोजन करना कैंसर को जोखिम को दावत है। अध्ययन की प्रमुख लेखक Doctor Manolis कोजिविनास कहती हैं कि दैनिक खान-पान के पैटर्न में सकारात्मक बदलाव करके कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा अभी पक्के तौर पर यह दावा नहीं किया जा सकता है कि खाने की एकमात्र आदत ही कैंसर के लिए जिम्मेदार है।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दुनिया भर में होने वाली मौतों में कैंसर की वजह से होने वाली मौत दूसरे नंबर पर है। पुरुषों में जहां फेफड़े, प्रोस्टेट, कोलोन, पेट और यकृत कैंसर आम हैं। वहीं, महिलाओं में स्तन, Colorectal, फेफड़े, गर्भाशय ग्रीवा और थायरॉयड कैंसर की बीमारी ज्यादा होती है। उन्होंने कहा कि इसके लिए अभी और रिसर्च करने की जरूरत है।
हालांकि कुछ सबूत बताते हैं कि खाने की आदत और नींद पैटर्न भी एक कारण हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक स्मोकिंग, अल्कोहल, जंकफूड, गतिहीन लाइफस्टाइल, प्रदूषण, गैर संचारी रोगी, खराब खान-पीन जैसे कारक कैंसर के लिए जिम्मेदार होते हैं।