Y Chromosomes are Rapidly Disappearing in Men: जेनेटिक्स के प्रतिष्ठित प्रोफेसर के फेलो जेनिफर ए. मार्शल ग्रेव्स के अनुसार, Y chromosomes का समय समाप्त हो रहा है।
यदि यह प्रवृत्ति जारी रही, तो वाय गुणसूत्र 11 मिलियन वर्षों के भीतर पूरी तरह से गायब हो सकता है, जिससे नर संतानों के भविष्य और मानव अस्तित्व के बारे में आशंकाएं बढ़ जाएंगी।
वैज्ञानिक शोध के अनुसार, इंसानों और अन्य स्तनधारियों में बच्चे का लिंग Y Chromosome पर स्थित एक जीन द्वारा निर्धारित होता है, जिसे पुरुष-निर्धारण जीन कहा जाता है।
हालांकि, वाय क्रोमोसोम धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है, और कुछ लाख वर्षों में इसके पूरी तरह गायब होने की संभावना है। इससे हमारी प्रजाति के अस्तित्व पर खतरा मंडरा सकता है, जब तक कि कोई नया लिंग-निर्धारण जीन विकसित न हो जाए। पहले ही, दो चूहे की प्रजातियां अपना वाय क्रोमोसोम खो चुकी हैं, लेकिन उन्होंने नए जीन विकसित कर लिए हैं, जिससे उनके अस्तित्व पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। 7 Chromosome एक ऐसा गुणसूत्र है जो पुरुषों के लिंग निर्धारण में अहम भूमिका निभाता है। यह पुरुषों में वाय क्रोमोसोम के साथ मिलकर कार्य करता है।
Y Chromosome में कुछ विशेष जीन होते हैं जो पुरुषत्व के विकास को नियंत्रित करते हैं, जिससे पुरुषों में विशेष शारीरिक लक्षण विकसित होते हैं। इंसानों में महिलाओं के पास दो एक्स गुणसूत्र होते हैं, जबकि पुरुषों के पास एक एक्स और एक वाय क्रोमोसोम होता है।
वैज्ञानिकों को चिंता है कि Y क्रोमोसोम धीरे-धीरे अपने जीन खोता जा रहा है। 166 मिलियन वर्षों में, वाय क्रोमोसोम में सक्रिय जीनों की संख्या 900 से घटकर 55 रह गई है। यदि यह सिलसिला जारी रहा, तो वाय Chromosome अगले 11 मिलियन वर्षों में पूरी तरह से गायब हो सकता है। इस मुद्दे पर वैज्ञानिकों के बीच बहस है-कुछ का मानना है कि वाय क्रोमोसोम अनिश्चितकाल तक बना रहेगा, जबकि अन्य इसे कुछ हज़ार वर्षों में गायब होते देखते हैं। हालांकि, दो प्रकार के चूहों ने इस मुद्दे पर उम्मीद जगाई है।
एक अध्ययन के अनुसार, स्पाइनी चूहों ने अपना वाय क्रोमोसोम खोने के बावजूद एक नया पुरुष-निर्धारण जीन विकसित कर लिया है। पूर्वी यूरोप के मोल वोल और जापान के स्पाइनी चूहे भी वाय क्रोमोसोम और एसआरवाय जीन खो चुके हैं, लेकिन वे जीवित और फलते-फूलते रहे हैं।
ये उदाहरण मानवता के भविष्य के लिए एक आशा की किरण हो सकते हैं। बता दें कि एक अध्ययन के मुताबिक, Y गुणसूत्र, जो मनुष्यों में पुरुष लिंग का निर्धारण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, वब अब लुप्त होता जा रहा है। पिछले 300 मिलियन वर्षों में, इसने अपने मूल 1,438 जीनों में से 1,393 खो दिए हैं, और केवल 45 जीन बचे हैं।