‘Destruction’ is coming to the Earth: वैज्ञानिकों के अनुसार, हमारी पृथ्वी (Earth) का संतुलन बिगड़ रहा है और इसकी धुरी पर घूमने की गति में बदलाव आ रहा है।
नई रिसर्च अनुसार, यह बदलाव जलवायु परिवर्तन (Climate change) के कारण हो रहा है, जिससे पृथ्वी के अपने दिन की लंबाई में भी अनियंत्रित परिवर्तन हो रहा है।
पृथ्वी के एक दिन में करीब 86,400 सेकेंड होते हैं, लेकिन यह समय हर रोटेशन पर बदलता रहता है। इसकी वजह से धरती के कोर में बदलाव, टेक्टोनिक प्लेट्स की मूवमेंट, और चंद्रमा के साथ गुरुत्वाकर्षण का खिंचाव भी है। इन तत्वों के संयोग से धरती का संतुलन प्रभावित हो रहा है, जिससे उसकी गति में बदलाव आ रहा है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, मानव गतिविधियों और जलवायु परिवर्तन के कारण हमारी पृथ्वी का दिन का समय बदल रहा है। यह बदलाव जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहा है, जिससे धरती का संतुलन भी प्रभावित हो रहा है। इसका सबसे सीधा परिणाम है कि धरती का दिन कुछ सेकेंड्स तक लंबा हो रहा है।
वैज्ञानिकों ने आधुनिक तकनीक की मदद से इस विशेष बदलाव को जांचा है, और उनके अनुसार यह बदलाव जल्द ही और स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। इसे पढ़ते जा रहे प्रमुख अध्ययन में, जो PNAS जर्नल में प्रकाशित हुआ है, वैज्ञानिकों (Scientists) ने यह प्रमाणित किया है कि धरती का घूमने का समय बढ़ता जा रहा है।
यह बदलाव आने वाले दिनों में हमारे दिनचर्या को भी प्रभावित कर सकता है, जैसे घड़ियों के समय में परिवर्तन और जानवरों के सोने और उठने के समय में भी बदलाव आ सकता है।
आधुनिक विज्ञान के अनुसार, हमारी पृथ्वी का घूमने का समय बढ़ रहा है, और इसमें कई कारण हैं। एक प्रमुख कारण है ग्लोबल वार्मिंग और बढ़ती गर्मी, जिसके कारण धरती के पोलर बर्फ पिघल रहे हैं और इससे बड़े पानी की मात्रा समुद्रों में जमा हो रही है। इससे धरती का संतुलन भी प्रभावित हो रहा है और उसकी गति धीमी हो रही है।
साथ ही, धरती के Magnetic Pole भी डगमगा गए हैं, जिसके कारण धरती का घूमने का समय और भी बढ़ रहा है। इसका सीधा परिणाम है कि पिछले तीन दशकों से धरती का दिन भी सुबह से शाम तक 2.3 Millisecond तक बढ़ रहा है। यह विशेष वैज्ञानिक अध्ययन और रिसर्च द्वारा प्रमाणित हुआ है, जो कि धरती के घूमने में हो रहे सूक्ष्म परिवर्तन को दर्शाता है।