HIV Patients Can Become life Savers by Donating Organs: हाय इनफेक्टिव वायरस (HIV) मरीज (HIV Patients) सामान्य लोगों की तरह एक-दूसरे को अंगदान कर जीवन रक्षक बन सकते हैं।
अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज ने इसके लिए अनुमति दी है। नए नियमों से HIV के मरीज (HIV patients) जिनकी किडनी या लीवर खराब है उनमें दूसरे HIV मरीजों की किडनी और लिवर (Kidney and Liver) को प्रत्यारोपित किया जा सकता है।
200 मरीजों पर 7 साल तक चला शोध
डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज के सचिव जेवियर बेकेरा का कहना है कि इस नियम का उद्देश्य HIV मरीजों को जीवन को बेहतर करना है। HIV के साथ लिवर और किडनी रोग से ग्रसित मरीजों के जीवन प्रत्याशा को बढ़ाना है।
एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस से पहले अमेरिकी सरकार का ये फैसला HIV मरीजों के लिए वरदान साबित होगा। सरकार ने अंग प्रत्यारोपण के 200 मरीजों पर चाल साल तक चले शोध के नतीजों के बाद ये फैसला लिया है।
वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन HIV मरीजों ने दूसरे HIV रोगी को किडनी या लिवर दान किया उनके जीव प्रत्याशा में इजाफा देखा गया। ऐसे रोगियों में ऑर्गन रिजेक्शन के मामले में भी बहुत कम देखे गए।
लंबा जीवन जीने का मौका
शोध के सह- लेखक और जॉन हॉपकिन्स ट्रांसप्लांट रिसर्च सेंटर के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. क्रिस्टिन डुरांद का कहना है कि अमेरिकी सरकार के इस फैसले से अंग प्रत्यारोपण की दर में इजाफा आएगा। युवा HIV रोगी जिनकी किडनी या लिवर खराब है उन्हें भी लंबा जीवन जीने का मौका मिलेगा।
नेशनल एड्स कंट्रोल सोसाइटी (National AIDS Control Society) के अनुसार भारत में HIV मरीजों की संख्या में समय के साथ गिरावट आ रही है। मौजूदा समय में करीब 25 लाख रोगी हैं। वर्ष 2010 की तुलना में मरीजों की संख्या 44 फीसदी तक घटी है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2030 तक इस रोग को देश से पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।