लोकल लॉकडाउन भी अर्थव्यवस्था को पहुंचाएंगे गहरी चोट RBI गवर्नर

News Aroma Media
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नई दिल्ली: मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से विकास को बनाए रखने के लिए समायोजित रुख को बनाए रखने के साथ महंगाई दर को तय लक्ष्य पर बनाए रखने का टारगेट रखा है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि घरेलू अर्थव्यवस्था को फोकस कोरोना वायरसnके प्रसार को रोकना और आर्थिक विकास को बनाए रखना है।

एमपीसी ने कहा कि 2021 में बंपर खाद्यान्न उत्पादन हुआ है, जिसमें अनाज की कीमतों में नरमी देखने को मिलेगी।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हाल ही में संक्रमणों में वृद्धि ने आउटलुक को अधिक अनिश्चितता प्रदान की है।

उन्होंने कहा कि लोकल लॉकडाउन डिमांड और सप्लाई में आए सुधार पर असर डाल सकता है और अर्थव्यवस्था को सामान्य स्थिति में आने में और देरी हो सकती है।

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कमेटी ने कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है लेकिन कहा कि टीकाकरण अभियान से ग्रोथ को तेजी मिलेगी।

विशेषज्ञों ने उम्मीद की है कि मुद्रास्फीति में वृद्धि, कोविड -19 मामलों की संख्या में वृद्धि और देश के कुछ हिस्सों में नए लोकल लॉकडाउन के बीच ‘डोविश’रुख रह सकता है।

ब्रिकवर्क्स रेटिंग ने कहा था कि कोरोनोवायरस के प्रसार में वृद्धि और देश के प्रमुख हिस्सों में वायरस को फैलाने के लिए लोकल लॉकाडाउन को देखते हुए दरों में बदलाव की उम्मीद कम थी।

आईएमएफ ने 2021 में भारत के लिए चीन की तुलना में 12.5 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया।

वाशिंगटन स्थित वैश्विक वित्तीय संस्थान ने विश्व बैंक के साथ वार्षिक स्प्रिंग मीटिंग से पहले अपनी वार्षिक विश्व आर्थिक आउटलुक में कहा कि 2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.9 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।

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