अहमदाबाद: गुजरात के सरकार ने राज्य में लॉकडाउन की आशंकाओं को खारिज की है। राज्य के डिप्टी सीएम निति पटेल उन्होंने कहा कि वह प्रदेश में कंप्लीट लॉकडाउन लगाने के बारे में नहीं सोचते।
उन्होंने कहा कि एक्सपर्ट्स की राय है कि पूरी तरह से लॉकडाउन के फैसले से कोरोना की चेन को एकदम से खत्म करने में मदद नहीं मिलेगी। इसकी बजाय लाखों लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ सकती है।
ऐसे में यह फैसला सही और कारगर नहीं होगा। नितिन पटेल ने कहा कि पूरी तरह से लॉकडाउन के चलते बड़े पैमाने पर नौकरियां जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि इसे लेकर अलग-अलग राय हैं।
नितिन पटेल ने कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि लॉकडाउन लगना चाहिए।
वहीं एक तबके का कहना है कि फेस मास्क, सोशल डिस्टैंसिंग और सैनिटाइजेशन आदि के जरिए इस संकट को दूर रखा जा सकता है।
यदि इस तरीके से कोरोना से निपट लिया जाए तो फिर देश में लॉकडाउन लगाने की जरूरत ही नहीं है।
पटेल ने कहा कि कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए लॉकडाउन एक अच्छा उपाय हो सकता है, लेकिन इससे लाखों लोगों की नौकरियां भी जा सकती हैं।
यही नहीं उन्होंने कहा कि कई राज्यों के आंकड़ों से साफ है कि लॉकडाउन या फिर शटडाउन किए जाने के बाद भी कोरोना को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता है। कई देशों से भी यह बात सामने आई है।
यही नहीं नितिन पटेल ने कहा कि इस बात की भी गारंटी नहीं है कि लॉकडाउन से कोरोना की चेन टूटती ही है।
उन्होंने कहा कि हमने देखा है कि देश के कई राज्यों और कई देशों में कोरोना का संक्रमण पाबंदियों के बाद भी तेजी से बढ़ा है। उन्होंने कहा कि दूसरी लहर में देश के कई राज्यों में कोरोना का कहर तेजी से बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि भले ही केसों में तेजी से इजाफा हो रहा है, लेकिन आंशिक लॉकडाउन से इसमें कोई लाभ नहीं होगा।
इसके अलावा पूरी तरह लॉकडाउन की बात करें तो इसे लेकर भी एक्सपर्ट्स की राय बंटी हुई है। ऐसे में इसका कोई सवाल ही नहीं उठता है।