रांची : झारखंड सरकार की ई-पास पॉलिसी का इस तरह से मजाक बनाया जायेगा, यह शायद झारखंड सरकार ने नहीं सोचा होगा।
झारखंड में लागू स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दौरान जरूरी कामों के लिए घर से बाहर जाने के लिए सरकार ने ई-पास की व्यवस्था लागू की है। लेकिन, इस व्यवस्था का कुछ लोगों ने मजाक बना दिया है।
सरकार द्वारा जारी की गयी वेबसाइट epassjharkhand.nic.in में खामियों पर झारखंड के पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने भी सवाल उठाये हैं।
खूंटी से विधायक और पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह ने ट्वीट किया, “राज्य में ई-पास फोन नंबर के बिना भी बन जा रहा है, क्योंकि इसमें ओटीपी सिस्टम नहीं है।
ओटीपी सिस्टम नहीं होने के कारण कोई भी किसी का नंबर उपयोग कर सकता है। ऐसे-ऐसे अप्लिकेशन को मान्यता कैसे मिल जा रही है? सरकारी पोर्टल एक मजाक बनकर रह गया है।”
नीलकंठ सिंह मुंडा ने अपने इस ट्वीट के साथ दो ई-पास भी अटैच किये हैं। इनमें से एक पास ‘यहां-वहां, जहां-तहां से देहरादून तक’ के लिए बनाया गया है। फोन नंबर वाले कॉलम में कुछ भी लिख दिया जा रहा है।
जैसे- 1234567890। वाहन संख्या में Aby27290 लिखा हुआ है।
स्थान की वैधता में ‘कभी खुशी कभी गम, गिरिडीह झारखंड से बाबा का ढाबा, नयी दिल्ली लिखा हुआ है।
यात्रा के प्रयोजन में शादी और पहचान पत्र संख्या में **3784 लिख दिया गया है। सबसे बड़ी चौंकानेवाली बात तो यह है कि इन सब तथ्योंख के साथ ई-पास तैयार भी हो गया।
नीलकंठ सिंह मुंडा ने ई-पास की जिन दो तस्वीरों को शेयर किया है, उनमें से एक में जग्गू नाम के व्योक्ति ने कभी खुशी कभी गम, गिरिडीह झारखंड से बाबा का ढाबा नयी दिल्लीर के लिए पास बनाया है।
इसमें उन्हों ने मोबाइल नंबर के नाम पर 1234567899 लिखा है। वाहन संख्याय की जगह Aby27290 लिखा है। इस पर पास तैयार भी हो गया है।
एक अन्य व्यक्ति पटेल बाबू ने पास बनाया। इसमें उन्हों ने मोबाइल नंबर में 1234567890 लिखा है। स्थामन की वैधता में यहां-वहां जहां-तहां रांची झारखंड से बाबाहा देहरादून लिखा है।
गौरतलब है कि झारखंड में लागू स्वास्थ सुरक्षा सप्तााह के दौरान जरूरी कामों के लिए घर से बाहर जाने के लिए सरकार ने ई-पास की व्यूवस्था लागू की है।
लेकिन, यह ई-पास की व्यरवस्थाम सरकारी पोर्टल में व्या प्ति खामियों के कारण मजाक बनकर रह गया है।
राज्या में 16 मई की सुबह 6 बजे से 27 मई की सुबह 6 बजे तक के लिए स्वास्थ सुरक्षा सप्तालह फिर से बढ़ाया गया है।
इस दौरान बिना पास के घर से निकलने पर सड़क पर पुलिस धर-पकड़ कर रही है।
जुर्माने के साथ लाठी-डंडे भी बरसाये जा रहे हैं। पहले तो वेबसाइट के डाउन होने की वजह से लोगों को पास बनाने में काफी दिक्कातों का सामना करना पड़ा।
अब पोर्टल से पास बन तो रहे हैं, लेकिन इसमें कई कमियां हैं, जिसका लोग फायदा उठा रहे हैं।
बता दें कि कड़े प्रतिबंधों के साथ 16 मई से लागू स्वास्थ सुरक्षा सप्ताोह में सरकार द्वारा लागू किया गया ई-पास सिस्टेम शुरू से ही लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।
पहले दिन तो लोग सर्वर डाउन होने के कारण पास ही नहीं बना पा रहे थे।
बिना पास के जरूरी कामों से घर से बाहर निकलने पर लोगों को पुलिस के डंडे खाने के साथ जुर्माना भी भरना पड़ा।
चूंकि पास बनाने का सिस्टमम बहुत ही आसान है और यहां से कोई भी बिना वेरिफिकेशन के पास बना सकता है, इसलिए इस पर विरोधी दलों के साथ सरकार में शामिल कांग्रेस ने भी सवाल उठाये। विरोध दर्ज करने के साथ इसमें बदलाव की मांग की है।