लोहरदगा: झारखंड के आंदोलनकारी और लोहरदगा के विधायक कमल किशोर भगत का 55 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।
उनके निधन की सूचना मिलते ही लोगों का हुजूम उनके लोहरदगा शहर के हरमू स्थित आवास में उमड पड़ा। सभी की आंखें नम थीं।
कमल किशोर भगत के निधन के साथ ही उनकी पत्नी नीरू शांति भगत की तबीयत भी बिगड़ गई, जिन्हें रांची रेफर किया गया है।
कमल किशोर भगत जमीन से जुड़े हुए व्यक्ति थे। उनके दादा स्वर्गीय लालू टाना भगत स्वतंत्रता आंदोलन के अग्रणी नेता थे। लखन टाना भगत के पुत्र कमल किशोर भगत थे।
लोहरदगा विधानसभा से वर्ष 2009 में वे विधायक बने थे। उसके बाद वर्ष 2014 में पुनः लोहरदगा विधानसभा से विजयी हुए थे लेकिन डा. केके सिन्हा के मुकदमे की सुनवाई के बाद उन्हें दोषी करार देकर सजा सुना दी गई, जिसके कारण उनकी सदस्यता रद्द हो गई थी।
कमल किशोर भगत ने जून 2015 में नीरू शांति भगत से शादी करने के बाद न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया और उन्हें जेल भेज दिया गया था।
जेल से रिहा होने के बाद कमल किशोर भगत पुनः क्षेत्र में सक्रिय हो गए थे। वे आम लोगों से जुड़कर रहने वाले नेता थे और लोगों के हर सुख दुख में साथ रहते थे।
कमल किशोर भगत को डायबिटीज और बीपी जैसी बीमारियां भी थी, जिसके कारण उन्हें परेशानियां भी होती थी।
हाल के दिनों में कमल किशोर भगत काफी सक्रिय थे और उन्होंने लोहरदगा ब्लॉक मोड़ के पास आजसू कार्यालय का उद्घाटन किया था। वह कार्यालय में भी बैठते थे और ग्रामीण इलाकों में भी घूम घूम कर लोगों से मिला जुला करते थे।